नयी दिल्ली:  चलन से बाहर किए गए 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट जमा कराने की 50 दिन की समयसीमा शुक्रवार को समाप्त हो गयी। हालांकि, सरकार की ओर से बैंकों से नकदी निकासी पर लगी साप्ताहिक 24,000 रुपये की निकासी सीमा को हटाए जाने के बारे में कोई संकेत नहीं है। नोटबंदी के 50वें दिन भी एटीएम और बैंकों के बाहर कतारें देखी गईं। हालांकि, कतार पहले के मुकाबले काफी छोटी थी।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस अवसर पर कहा कि रिजर्व बैंक के पास पर्याप्त मात्रा में नकदी है और नकदी की आपूर्ति में काफी सुधार हुआ है। वित्त मंत्री से जब यह पूछा गया कि नकद निकासी पर जारी प्रतिबंध सीमा कब हटाई जायेगी। उन्होंने कहा कि जब भी निर्णय लिया जायेगा, उसे सार्वजनिक कर दिया जायेगा। लोगों के पास हालांकि, अभी भी रिजर्व बैंक की प्राधिकृत शाखाओं पर पुराने अमान्य नोट जमा कराने का समय है। रिजर्व बैंक काउंटर पर वाजिब कारण बताकर 31 मार्च तक 500, 1,000 रुपये के पुराने नोट जमा कराये जा सकते हैं।

सरकार ने 500 और 1,000 रुपये के अमान्य नोट एक सीमा से अधिक रखने को अवैध और दंडात्मक बनाये जाने संबंधी एक अध्यादेश भी जारी किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ नवंबर को अचानक 500 और 1,000 रुपये के नोट चलन से वापस लिये जाने की घोषणा की थी। इसके बाद 10 नवंबर से बैंकों ने पुराने नोट स्वीकार करने शुरू किये। जबकि एटीएम में तत्काल नये नोट की निकासी नहीं हो पाई क्योंकि उन्हें 2,000 और 500 रुपये के नये नोट के अनुरूप तैयार किया जाना था। बहरहाल, कुल मिलाकर स्थिति में अब सुधार दिखाई देता है।

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