चेन्नई:  अन्नाद्रमुक प्रमुख और तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता का आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। चेन्नई के मशहूर मरीना बीच पर एमजीआर की समाधि स्थल के पास जयललिता का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान लाखों लोगों ने अपनी प्रिय नेता, जिनको वह अम्मा कहकर बुलाते थे, को अश्रुपूर्ण विदाई दी। इससे पहले अम्मा की अंतिम यात्रा राजाजी हॉल से शुरू हुई जहाँ उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया था। राजाजी हॉल से मरीना बीच तक लाये जाने के दौरान सड़क के दोनों ओर भारी संख्या में भीड़ उमड़ी हुई थी। आसपास के पुलों, घरों की छतों पर भी लोग चढ़े हुए थे और बस अपनी नेता की एक झलक पा लेने की तमन्ना लिए थे।

राजाजी हॉल में जयललिता को श्रद्धांजलि देने पहुँचे प्रमुख नेताओं में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्य के राज्यपाल विद्यासागर राव तथा कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल थे। सवेरे से ही समर्थक अपनी ‘पुराची थलैवी अम्मा’ (क्रांतिकारी नेता अम्मा) को अंतिम विदाई देने के लिए कतार में खड़े थे। जयललिता का पार्थिव शरीर उनकी पसंदीदा हरे रंग की साड़ी में लिपटा हुआ था। छह बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं जयललिता का पार्थिव शरीर शीशे के बक्से में रखा गया था। यह बक्सा राजाजी हॉल की सीढ़ियों पर रखा गया था और सेना के चार जवानों ने उसे राष्ट्रीय ध्वज से ढक दिया था।

राज्य के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम और उनके सहयोगी मंत्रिमंडलीय सहयोगियों, सांसदों, विधायकों तथा राज्य के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने दिवंगत मुख्यमंत्री को सबसे पहले श्रद्धांजलि दी। जयललिता का बीती रात करीब साढ़े ग्यारह बजे यहां स्थित अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। जयललिता को बुखार, निर्जलीकरण और फिर संक्रमण की समस्या के चलते 22 सितंबर को अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया था। उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ था लेकिन रविवार को उन्हें दिल का दौरा पड़ा और सोमवार रात साढ़े ग्यारह बजे उनका निधन हो गया। लंबे समय से उनकी विश्वासपात्र रहीं शशिकला नटराजन उस बक्से के पास खड़ी नजर आईं जिसमें जयललिता के पार्थिव शरीर को रखा गया था। केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने भी जयललिता को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की।

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