सूबे में निजी स्कूलों की मनमानी से परेशान सरकार ने शिक्षा न्यायाधिकरण के माध्यम से शिकंजा कसने की कोशिश की है. बकायदा कैबिनेट में एक प्रस्ताव लाकर कहा है कि कोई भी निजी स्कूल दो शैक्षणिक सत्र के बीच दस प्रतिशत से ज्यादा फीस की वृद्धि नहीं कर सकता.

रघुवर कैबिनेट के फैसले की माने तो अब कोई भी स्कूल अपने दो शैक्षणिक सत्र के बीच दस प्रतिशत से ज्यादा फीस की बढ़ोत्तरी नहीं कर सकता. साथ ही निजी स्कूलों को यह भी बताना होगा कि वे फीस क्यों बढ़ा रहे हैं. झारखंड में निजी स्कूलों की मनमानी पुरानी बीमारी रही है. कई बार स्कूलों को नसीहत भी दी गयी, लेकिन स्कूलवाले अपनी राह पर चलते रहे. लेकिन अब शिक्षा न्यायाधिकरण ऐसे स्कूलों पर डंडा चलायेगा.

जानते हैं शिक्षा न्यायाधिकरण में क्या खास है.

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