झारखंड का नागर विमानन विभाग ग्लाइडर उड़ान के क्षेत्र में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण संस्थानों में से एक है। मुख्य उड़ान अनुदेशक कैप्टन एसपी सिन्हा बेहतर ग्लाइडर पायलट प्रशिक्षकों में शुमार हैं। इसी को देखते हुए बेंगलुरू की पायलट मां और बेटी ने झारखंड में ग्लाइडर पायटल प्रशिक्षण लेने का निर्णय लिया है। आड्रे दीपिका मेबेन और उनकी 19 वर्षीय पुत्री ऐमी मेहता ग्लाइडर से विश्व भ्रमण करने की ठानी है।

मां और बेटी शौकिया पायलट हैं और देश की पहली ऐसी महिला होंगी, जो सायनस ग्लाइडर से विश्व भ्रमण का लक्ष्य पूरा करने का प्रयास करेंगी। यह किसी भारतीय महिला पायलट का विश्व रिकॉर्ड होगा। फरवरी में बेंगलुरू से विश्वयात्रा शुरू होगी, जो 80 दिनों में समाप्त होगी। आसमान में यात्रा कर चुनौती भरे इस काम को पूरा कर देश की महिलाओं के समक्ष उदाहरण प्रस्तुत करना इनका उद्देश्य है। महिला सशक्तिकरण की भी दोनों मिसाल पेश करेंगी।

बेटी से अच्छी कोई सहयात्री नहीं

आड्रे का कहना है कि बेंगलुरू के जाकुर हवाईअड्डा से यात्रा शुरू कर सुरक्षित वापसी की इच्छा है। कुल 50 हजार किलोमीटर की यात्रा है। इस दौरान 54 लैंडिंग होगी। उनका कहना है कि बेटी से अच्छी और कोई सहयात्री नहीं हो सकती। इस यात्रा से अधिक से अधिक लड़कियों को प्रेरणा मिलेगी, जो आकाश में उड़ने की आकांक्षा रखती हैं। विश्वयात्रा बेंगलुरू से शुरू होकर दक्षिण पूर्व एशिया, जापान, रूस, अलास्का, उत्तरी अमेरिका, आइसलैंड , ग्रीनलैंड और अन्य यूरोपीय देश, तेहरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान से होते हुए बेंगलुरू में समाप्त होगी। उड़ान सिर्फ दिन में ही भरेंगी।

झारखंड के लिए एक और गौरव : कैप्टन सिन्हा

राज्य के मुख्य पायलट सह मुख्य उड़ान अनुदेशक कैप्टन एसपी सिन्हा ने कहा कि विश्व भ्रमण पर निकल कर विश्व रिकॉर्ड की चाहत रखने वाली मां-बेटी सायनस ग्लाइडर का प्रशिक्षण लेने झारखंड आ रही हैं। यह झारखंड और राज्य सरकार के लिए गौरव की बात है। जब मां बेटी विश्व रिकॉर्ड बना लेंगी तब उनके रिकॉर्ड से झारखंड का भी नाम जुड़ जायेगा। डीजीसीए ने भी प्रशिक्षण कराने की अनुमति दे दी है।

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