बीजिंग। क्रिसमस से पहले चीन में पुलिस ने ईसाइयों की कई चर्चों पर ताला लगा दिया। इनमें से एक दक्षिण-पश्चिम चीन के चेंग्डु शहर में स्थित रैन कॉन्वेंट चर्च है। पुलिस ने इस शहर के स्कूलों को भी क्रिसमस नहीं मनाने की हिदायत दी है। साथ ही पुलिस ने बाइबल जब्त करते हुए ईसाई धर्म गुरुओं के धार्मिक अभियानों को भी बंद करवा दिया। वहीं ईसाईयों ने इस फरमान का विरोध करते हुए कहा है कि वे अपना धर्म नहीं छोड़ेंगे और शांति-सदभाव के साथ क्रिसमस मनायेंगे।

पुलिस ने पोस्टर चिपकाकर दी वार्निंग
पुलिस ने पोस्टर चिपकाकर ईसाइयों को लोगों को उकसाने और भड़काने वाले कार्य ना करने की हिदायत दी है। पोस्टर में लिखा है, अगर कानून का उल्लंघन किया गया, तो कड़ी सजा मिलेगी। कानून का उल्लंघन करना एक गंभीर मामला है, और इसकी सजा कम से कम पांच साल होगी।

आदेशानुसार चीन के कई शहरों, स्कूलों और सरकारी संस्थाओं में क्रिसमस की छुट्टियां नहीं मनायी जा रही हैं। बल्कि चीनी नागरिक अपने पारंपरिक चाइनीज संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं। जब से चीन में शी जिनपिंग मजबूत हुए हैं, तभी से देश में अन्य धर्मों के खिलाफ अभियान को ताकत मिली है। साल 2014 और 2016 के बीच सरकार के आदेशानुसार 1500 से अधिक क्रॉस को चर्चों से हटाया गया है।

बाइबिल की आनलाइन बिक्री पर प्रतिबंध
साल 2018 में सरकार ने बाइबिल की आॅनलाइन बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया, क्रॉस को जला दिया, चर्चों को ध्वस्त कर दिया और कम से कम आधा दर्जन पूजा स्थलों को बंद करने के लिए मजबूर किया।

अनाधिकृत चर्चों पर शिकंजा
चीन के सबसे ताकतवर नेता माओ जेदोंग उग्रता के साथ मुस्लिम और ईसाई धर्म पर शिकंजा कसा है। माओ के नेतृत्व में सरकार ने ईसाईयों की अनाधिकृत चर्चों पर शिकंजा कसने और लोगों के बीच पार्टी के खिलाफ बोलने वालों के खिलाफ अभियान को बढ़ावा दिया है।

दिसंबर में बंद की 40 साल पुरानी चर्च
दिसंबर में पुलिस ने दक्षिणी चीनी के ग्वांगझू में स्थित एक 40 साल पुरानी रोंग्गिली चर्च को बंद कर दिया। इस चर्च ने हजारों उपासकों को आकर्षित किया था। इससे पहले सितंबर में अधिकारियों ने बीजिंग स्थित एक सियोन चर्च को बंद करने का आदेश दिया था। सियोन राजधानी की सबसे बड़ी अनाधिकृत चर्च में से एक थी।

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