पूर्वी सिंहभूम। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम के ग्रामीण और पहाड़ी इलाके में जलमीनार बनने से ग्रामीणों को पानी की समस्या पर समाधान हुआ है। अब ग्रामीणों को नदी, नाले और बरसाती कुआं का पानी से छुटकारा मिल गया है। ग्रामीण अब स्वच्छ जल पीते हैं। डुमरिया प्रखंड के तिरिलडीह और धालभूमगढ़ के ढेड़ांग गांव में सरकार की नीर निर्मल परियोजना-ग्रामीण जलापूर्ति एवं स्वच्छता परियोजना के तहत जलमीनार बनाए गए है, जिससे ग्रामीणों को अब स्वच्छ पानी पीने को मिल रहा है।
डुमरिया प्रखंड के जोजोबेडा गांव के ग्रामीणों ने बताया कि पहले पानी के लिए वे दूर दराज नदी नाले का पानी लाते थे। जिसके बावजूद भी यहां अक्सर खराब होने के कारण पानी की समस्या हमेशा बनी रहती थी। लेकिन गांव में जलमीनार बनने से अब यह समस्या दूर हो गयी है। गांव में गुड़ाबांधा एक्शन प्लान के तहत पानी टंकी का निर्माण किया गया है। पानी टंकी की क्षमता आठ हजार लीटर है।
पानी टंकी से गांव के ग्रामीणों के घर तक नलकूप लगाए गये हैं। जिससे ग्रामीणों को अपने द्वार पर ही पानी मिल जाता है, इसी तरह धालभूमगढ़ के कनास पंचायत के देड़ांग गांव में नीर निर्मल परियोजना के तहत जलमीनार का निर्माण किया गया है। इस जलमीनार से तकरीबन 200 परिवारों के बीच पानी की आपूर्ति की जा रही है। इसके अलावे आस-पास के टोला के ग्रामीण भी नलकूप से स्वच्छ पानी पीने के लिए ले जाते है। ग्रामीण इलाके में सरकार की ओर से कई गांवों में जलमीनार, पानी टंकी और 14वें वित्त से सोलर पंप लगाए गये हैं। जिससे ग्रामीणों के बीच पानी की समस्या का समाधान हुआ है।