पर्थ। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज का दूसरा टेस्ट शुक्रवार से पर्थ में यह खेला जाएगा। हालांकि यह मैच नए स्टेडियम में होगा लेकिन इसकी पिच में वही मिजाज देखने को मिल सकता है जिसके लिए पुराना मैदान जाना जाता था। गति और उछाल इस विकेट पर देखने को मिलेगा। पिच के क्यूरेटर ब्रेट सिप्थॉर्प की बातें सुनकर यही लग रहा है।

मैच से एक दिन पहले सिप्थॉर्प ने पिच से पर्दा हटाया। इस विकेट पर काफी घास है। और ऐसा माना जा रहा है कि यहां बल्ले और गेंद के बीच जबर्दस्त संतुलन देखने को मिलेगा। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक हरी घास विकेट को तेज बनाती है।

ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने वाली पिछली भारतीय टीमों को उछाल को लेकर काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। और विराट कोहली की टीम को भी कथित रूप से दुनिया की इस सबसे तेज और उछालभरी विकेट पर कठिन परीक्षा से गुजरना पड़ सकता है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने सिप्थॉर्प के हवाले से कहा, ‘हमें तेज और उछालभरी पिच तैयार करने को कहा गया है। और हम जितना हो सके तेज और उछालभरी पिच बनाने की कोशिश कर रहे हैं।’

पर्थ स्टेडियम में खेले गए एक घरेलू मैच में 40 में से 32 विकेट तेज गेंदबाजों ने लिए थे। सिप्थॉर्प ने कहा कि वह इसी तरह का तेज विकेट तैयार कर रहे हैं। सिप्थॉर्प कह रहे हैं कि इस विकेट के बारे में घरेलू क्रिकेटरों ने अच्छी प्रतिक्रिया दी है। हालांकि पिच को बल्लेबाजों और दो बेहतरीन गेंदबाजी आक्रमण के लिए अच्छा माना जा रहा है लेकिन तापमान खिलाड़ियों को परेशान कर सकता है।

शुक्रवार को पर्थ का तापमान 38 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है। और हवा के बावजूद मौसम की तपिश परेशान कर सकती है। हरी विकेट देखकर टॉस जीतने वाली टीम पहले गेंदबाजी करने का फैसला कर सकती है। लेकिन सिप्थॉर्प कहते हैं कि ऐसा करने से पहले तापमान का ख्याल जरूर रखना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘हम सब रफ्तार और बाउंस और मूवमेंट की बात कर रहे हैं लेकिन यह देखना भी अहम होगा कि आखिर इतनी गर्मी में विकेट कितनी देर टिक पाती है।’ उन्होंनें कहा कि अगर आप टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला करते हैं ताकि आप परिस्थितियों का बेहतर फायदा उठा सकें तो इसका अर्थ यह है कि इतनी गर्मी में 50 ओवर गेंदबाजी करने का बाद आप काफी थकान भी महसूस कर सकते हैं।

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