रांची। अनुसूचित जनजाति महिला से शादी कर अब उसके नाम पर गैर आदिवासी व्यक्ति जमीन नहीं खरीद सकते। यह कानूनन गलत होगा। ऐसी महिला के नाम पर खरीदी गयी आदिवासी जमीन विक्रेता को वापस हो जायेगी। राज्य मंत्रिपरिषद ने गुरुवार को राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति दी। कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए विभाग के अपर मुख्य सचिव एसकेजी रहाटे और भू-राजस्व विभाग के सचिव केके सोन ने बताया कि वैसी अनुसूचित जनजाति महिला, जिसने किसी गैर जनजातीय से शादी कर ली है, अब उसके नाम से आदिवासी जमीन नहीं खरीदी जा सकती है।
उक्त महिला के नाम पर आदिवासी जमीन का हस्तांतरण नहीं हो सकता। अगर किसी ने ऐसी संपत्ति खरीदी, तो वह रिस्टोर हो जायेगी। कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि अनुसूचित जनजाति की महिला से भूमि खरीदने के लिए गैर अनुसूचित व्यक्ति द्वारा शादी किये जाने के मामले में ओड़िशा राज्य की तरह झारखंड में भी कानून बनाया जायेगा।
राज्यपाल से अनुमोदित होने के बाद यह रेगुलेशन प्रभावी होगा। एक सवाल के जवाब में केके सोन ने कहा कि विभाग को विधि परामर्श मिला है कि कैबिनेट की स्वीकृति के बाद इसे राज्यपाल से अनुमोदन कराया जाना चाहिए। इसे राष्ट्रपति को भेजे जाने की आवश्यकता नहीं है। केके सोन ने कहा कि ऐसी अचल संपत्ति के प्रत्यर्पण का प्रावधान सीएनटी की धारा- 71 क और एसपीटी की धारा 20 में विहित प्रावधानों के तहत किया जायेगा। बताते चलें कि झारखंड जनजातीय परामर्शदातृ परिषद ने इस संदर्भ में ओड़िशा की तरह कानून बनाने की बात कही थी।
110 पिछड़े प्रखंडों में स्कूल-अस्पताल के लिए जमीन में 75 प्रतिशत की रियायत
राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के एक और महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर कैबिनेट ने अपनी सहमति दी। इसके अनुसार अनुसूचित क्षेत्र के 110 पिछड़े प्रखंडों में स्कूल-अस्पताल खोलने पर जमीन की कीमत में 75 प्रतिशत की रियायत दी जायेगी। इन 110 पिछड़े प्रखंडों के नाम पर कैबिनेट ने सहमति दी। राज्य के अन्य क्षेत्रों में स्कूल-अस्पताल खोलने पर जमीन की कीमत में 50 प्रतिशत रियायत दी जायेगी। पिछड़े प्रखंडों की सूची में रांची, खूंटी, सिमडेगा, लातेहार, गुमला, लोहरदगा, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, जामताड़ा, दुमका, साहेबगंज, पाकुड़, गोड्डा और गढ़वा जिले के 110 प्रखंड हैं।
शराब की बिक्री निजी हाथों में देने की तैयारी शुरू
झारखंड में शराब की बिक्री एक बार फिर निजी हाथों में देने की तैयारी शुरू हो गयी है। कैबिनेट की बैठक में इस पर एक अहम फैसला भी हुआ है। कैबिनेट ने झारखंड में खुदरा उत्पाद दुकानदारों की बंदोबस्ती की ई-लॉटरी विधि से निष्पक्ष और पारदर्शी रूप से संपन्न कराने के लिए एनइएमएल का मनोनयन करने के लिए वित्त नियमावली के नियम 245 के तहत नियम 235 को शिथिल करने की मंजूरी दी है। लॉटरी की जो व्यवस्था थी, वह अब ई-लॉटरी से होगी। सरकार की ओर से बताया गया है कि शराब खुद से बेचने पर 11 फीसदी के राजस्व का नुकसान हुआ है। अब उम्मीद यह की जा रही है कि कैबिनेट की अगली बैठक में तिथि की भी घोषणा कर दी जायेगी।