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    Home»Top Story»भारत बंद का दिल्ली में असर नहीं, सभी बाजार खुले हैं
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    भारत बंद का दिल्ली में असर नहीं, सभी बाजार खुले हैं

    sonu kumarBy sonu kumarDecember 8, 2020Updated:December 8, 2020No Comments3 Mins Read
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    किसान आंदोलन के समर्थन में भारत बंद के आह्वान का देशभर में व्यापारिक गतिविधियों और माल के परिवहन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। मंगलवार अपराह्न तक  रोजमर्रा की तरह दिल्ली और देशभर के बाजारों में पूरी तरह से व्यापारिक गतिविधियां चालू हैं। दिल्ली के सभी थोक बाजारों एवं रिटेल मार्केट्स में अन्य दिनों की तरह सामान्य रूप से कारोबार हो रहा है। 
     
    कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि दिल्ली में लगभग 10 लाख से अधिक एवं देशभर में सात करोड़ से अधिक व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले हैं एवं कारोबार हो रहा है। देश के सभी राज्यों दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, उत्तर पूर्वी राज्य, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, झारखंड, बिहार, जम्मू-कश्मीर आदि में थोक एवं रिटेल बाजार पूरी तरह खुले हैं। कारोबारी एवं ट्रांसपोर्ट गतिविधियां सामान्य हैं। 
     
    ऐटवा के अध्यक्ष प्रदीप सिंघल और राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र आर्य ने दावा किया कि देश में परिवहन व्यवसाय भी अन्य दिनों की तरह मंगलवार को पूरी तरह चालू है। देशभर में लगभग 30 हजार ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन और लगभग एक करोड़ ट्रांसपोर्ट कंपनियां और कूरियर कंपनियां हैं। लगभग 90 लाख ट्रक और अन्य परिवहन वाहन प्रतिदिन सड़कों पर निकलते हैं, जिसमें से लगभग 20 लाख ट्रक प्रतिदिन विभिन्न राज्यों के बीच तथा बाकी परिवहन वाहन शहरों में माल की आवाजाही के लिए इस्तेमाल होते हैं और आज अभी तक ट्रांसपोर्ट के माध्यम से माल की आवाजाही जारी है।
     
    कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने किसान आंदोलन को हाईजैक करने के लिए देश के विभिन्न राजनीतिक दलों की आलोचना की है। दोनों ने कहा है कि अपने निहित स्वार्थों के चलते यह दल किसानों के हमदर्द होने का नाटक कर रहे हैं। देश का किसान बेहद समझदार है और वो इन दलों के झांसे में आने वाला नहीं है। उन्होंने बताया कि कैट तीनों कृषि कानूनों का गहराई से अध्ययन कर रहा है और जल्द ही सरकार को  ज्ञापन सौंप कर उचित संशोधन की मांग करेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल फॉर वोकल के आह्वान के तहत देश के कृषि बाजार को विदेशी कंपनियों या घरेलू बड़ी कंपनियों के हाथों की कठपुतली नहीं बनना चाहिए और किसानों को इस क्रम में अपने खेतों से वंचित नहीं होना चाहिए, इसका विशेष ध्यान सरकार को रखना होगा।
     
    उन्होंने सरकार को सुझाव दिया कि मंडियों के बाहर कृषि का व्यवसाय करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के पास न केवल पैन कार्ड होना चाहिए, बल्कि उसे पंजीकृत भी होना चाहिए। घाटे की खेती को लाभ में बदलने के लिए सभी उपाय किए जाने चाहिए। किसानों के सभी प्रकार के विवादों को निपटाने के लिए कृषि न्यायालयों की स्थापना की जाए। इन कदमों से निश्चित रूप से  किसानों को लाभ होगा और देश की कृषि प्रणाली में पारदर्शिता आएगी। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
     
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