व्यक्तित्व में काबिलियत हो तो प्रसिद्धि खुद-ब-खुद चलकर दरवाजे पर दस्तक देती है। बीते वर्ष 29 दिसंबर को दूसरी दफा झारखंड की सत्ता संभालनेवाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ यही हो रहा है। कोरोना काल में उनके कार्यों की गूंज अंतरराष्टÑीय स्तर तक पहुंची और अब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के न्यौते से उनकी प्रसिद्धि का ग्राफ अचानक चढ़ गया है। मीडिया में चहुंओर इस न्यौते की चर्चा है। पर यह सफलता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हिस्से अनायास नहीं आयी है। इसके लिए उन्होंने अथक परिश्रम किया है और इसी परिश्रम के नतीजे सामने आ रहे हैं। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के न्यौते के साथ वे झारखंड के इकलौते ऐसे सीएम बन गये हैं जिनके हिस्से यह सम्मान आया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लीक से हटकर काम करने की शैली और उसके परिणामों को रेखांकित करती दयानंद राय की रिपोर्ट।

29 दिसंबर 2019 को झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के तौर पर झारखंड की सत्ता संभालनेवाले हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री के तौर पर लीक से हटकर फैसले शुरुआती दिनों से ही लेने शुरू किये। उन्होंने बुके की जगह बुक लेने की अपील की और उनकी इस अपील की राज्य ही नहीं देशभर में सराहना हुई। अपनी पहली कैबिनेट बैठक में ही उन्होंने सीएनटी और पत्थलगड़ी के विरोध में दर्ज मामले वापस लेकर अपनी कार्यशैली का संकेत दे दिया। उनकी सरकार बने दो महीने ही बीते थे कि मार्च में कोरोना ने राज्य में दस्तक दे दी। यह समय सरकार के लिए चुनौतियों को अवसर में बदलने का था और हेमंत सरकार ने इसे बखूबी निभाया। लेह-लद्दाख और अंडमान से मजदूरों को एयरलिफ्ट कराना हो या फिर राज्य के लोगों को भरपेट भोजन कराने का। सरकार ने यह काम बखूबी किया। नतीजा उन्हें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ये न्यौता मिला। यह सब उन्होंने तब करके दिखाया जब उन्हें खाली खजानेवाला राज्य मिला था।
इसलिए अहम है हार्वर्ड का ये न्यौता
हेमंत सोरेन हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में 20 फरवरी को झारखंड सरकार की ओर से कोरोना काल में किये गये कार्यों पर व्याख्यान देंगे। यूनिवर्सिटी ने 19 से 21 फरवरी तक होनेवाली 18वीं एनुअल कॉन्फ्रेंस के लिए उन्हें आमंत्रित किया है। इसमें शिक्षा, उद्योग, व्यवसाय, राजनीति, नीति निर्धारण समेत शासन से जुड़े दुनियाभर के 1000 से अधिक विशिष्ट लोगों को न्योता भेजा गया है। हेमंत सोरेन आदिवासी अधिकारों, सरकार की कल्याणकारी नीतियों और सतत विकास पर भी अपने विचार रखेंगे। ऐसा करनेवाले वे राज्य के पहले सीएम हैं। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का कहना है कि उन्होंने विकास के लोक कल्याणकारी फार्मूले के साथ जनजातीय राजनीति को भी अलग पहचान दी है।
राज्य के साथ पार्टी के लिए भी गर्व का विषय
झामुमो महासचिव विनोद पांडेय ने बताया कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आमंत्रण न सिर्फ राज्य के लिए बल्कि हमारे लिए भी गर्व का क्षण है, क्योंकि यह उनके कार्यों के साथ उनकी लोकप्रियता की भी अंतरराष्टÑीय स्वीकृति है। बतौर मुख्यमंत्री उन्होेंने जिस शिद्दत से राज्य की जनता की सेवा की और कोरोना काल में बदतर परिस्थितियों में राज्यवासियों की उम्मीदों पर खरे उतरे इसे सबने देखा है। कोरोना काल में केंद्र से ना उम्मीदी हाथ लगने के बावजूद उन्होंने अपने दम पर न सिर्फ झारखंड के लिए पहली ट्रेन चलवायी, बल्कि श्रमिकों का रेड कारपेट सम्मान कर दिखा दिया कि हेमंत सरकार जनता की सरकार है। झारखंड में पहले पूंजीपतियों का रेड कारपेट वेलकम होता था और हेमंत सरकार ने श्रमिक भाइयों का किया। यह बहुत बड़ा बदलाव था। जन-जन की सरकार कैसी होती है इसे हेमंत सोरेन ने दिखला दिया।
दिनों-दिन बढ़ रही लोकप्रियता
झारखंड की राजनीति के जानकारों का कहना है कि मुख्यमंत्री के तौर पर हेमंत सोरेन की नीतियां ओड़िशा के सीएम नवीन पटनायक से मैच करती हैं। नवीन पटनायक की नीतियां गरीबों के उत्थान और बेहतरी को फोकस में रखकर तैयार की जाती हैं। हेमंत सोरेन जबसे मुख्यमंत्री बने हैं उस समय से उनकी नीतियों के केंद्र में आम आदमी रहा है। उनकी एक और खासियत ये भी है कि वे अच्छी पहल चाहे दूसरे राज्य में ही क्यों न हो रही हो, उसकी वे खुले दिल से सराहना करते हैं। इसी वर्ष 3 जनवरी को जब उन्होंने नयी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की तो कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में वे दिल्ली सरकार की पहल से प्रभावित हैं और अपने राज्य में इस तरह के कार्यक्रमों को लागू करने के लिए प्रेरित हुए हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बढ़ती लोकप्रियता की बड़ी वजह उनका आम लोगों की मदद करना भी है। जनता किसी भी तरह की परेशानी होने पर उनसे ट्विटर पर सीधे संपर्क करती है। इसका वे तुरंत समाधान भी करते हैं। विशाल नाम के एक शख्स ने जब उन्हें ट्वीट कर कहा कि आज जो सबसे जरूरी है वो है शिक्षा, सरकारी स्कूलों को इतना बेहतर कर दीजिए कि बच्चे प्राइवेट स्कूलों को छोड़कर सरकारी स्कूल आयें। इसके जवाब में हेमंत सोरेन ने कहा कि बिल्कुल विशाल, हर झारखंडी बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाना हमारी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर है। राज्य के हर व्यक्ति से अपने को इतना सीधा कनेक्ट पहले किसी मुख्यमंत्री ने नहीं किया और यही खासियत उन्हें अलहदा बनाती है। उनकी एक और खासियत यह है कि वे इनोवेशन को न सिर्फ पार्टी बल्कि राजनीति में भी लागू करने के पैरोकार रहे हैं। वे सादगी पसंद हैं और गर्मजोशी से लोगों से मुलाकात करते हैं। वे किसी को निराश भी नहीं करते और यह भी उनकी दिनों-दिन बढ़ती लोकप्रियता की वजह है।
मिल चुका है चैंपियन आॅफ चेंज अवार्ड
एक जनप्रतिनिधि के रूप में बेहतर काम करने के लिए हेमंत सोरेन को चैंपियन आॅफ चेंज अवार्ड-2019 से सम्मानित किया जा चुका है। दिवंगत हो चुके पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने दिल्ली स्थित अपने आवास पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को यह सम्मान दिया था। उन्हें झारखंड के बरहेट और दुमका विधानसभा क्षेत्र में एक जनप्रतिनिधि के रूप में बेहतर कार्य करने के लिए यह अवार्ड दिया गया था। यह अवार्ड लेते हुए उन्होंने कहा था कि जिस लक्ष्य के लिए जनता ने उन्हें चुना है, वह उसे पूरा करने की पूरी कोशिश करेंगे और यही काम वे बतौर जनप्रतिनिधि कर रहे हैं।

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