असम समेत समूचे देश में काला धान की खेती को लेकर हुई जमकर चर्चा के बाद अब असम के गोलाघाट जिला के खूमटाई इलाके में बैंगनी रंग के धान की खेती शुरू की गई है। जापानी बीज से खूमटाई के किसान बिमान सैकिया ने बुआई कर बैगनी धान की बेहतरीन पैदावार की है। दावा है कि बैंगनी रंग के धान में कैंसर रोग से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता होती है। बैंगनी रंग के चावल खाने के बाद एक परिवार ने कैंसर रोग से मुक्त होने की बात भी स्वीकारी है।
गोलाघाट जिला के खूमटाई के 3 नंबर भोलागुरी गांव किसान बिमान सैकिया अपने खेत में पहले काला धान की पैदावार करके खूब नाम कमा चुके हैं। इसके बाद अब उन्होंने जापानी बीज से बैंगनी रंग के धान की खेती करके एक मिशन कायम किया है। बिमान सैकिया ने वर्ष 2017 से ही क्रमवार बैंगनी रंग के धान की खेती शुरू की थी जिसमें वे सफल नहीं हुए थे। इसके बाद वे पुनः अपने शोध में जुटे रहे है जिसमें उन्हें इस बार सफलता मिली है। सैकिया ने बैंगनी रंग के चावल को प्रति किग्रा 200 रुपये में बेचा है।
बिमान सैकिया से इस चावल को शिवसागर, जोरहाट, टिंगखांग, कार्बी आंग्लांग आदि कई इलाकों के कई कैंसर रोगियों ने खरीदा है। आदर्श किसान सैकिया ने बेहतर बाजार के अभाव में काफी कम खेत में बैंगनी रंग के धान की खेती की थी। उनका मानना है कि अगर बेहतर बाजार हो और उचित मूल्य मिले तो अधिक पैसे कमाये जा सकते हैं। माना जा रहा है कि बिमान सैकिया के इस प्रयास को देख अन्य किसान भी आने वाले वर्षों में बैंगनी रंग के धान की खेती के प्रति आकर्षित होंगे।