रांची। मंगलवार की देर शाम रांची पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया दो लाख का इनामी पुनई उरांव पढ़ाई में मेधावी था। मैट्रिक और इंटर की परीक्षा उसने फर्स्ट डिविजन से पास की थी। वह आर्मी या पुलिस में जाना चाहता था। वह आर्मी और झारखंड पुलिस की बहाली रैली में भी शामिल हुआ था, लेकिन नाकाम होने के बाद उसने हथियार थाम लिया। देखते ही देखते वह पीएलएफआइ के सुप्रीमो दिनेश गोप का खासमखास बन बैठा था। उसने संगठन के लिए रांची और खूंटी इलाके में सैकड़ों लोगों से करोड़ों की लेवी वसूली थी।
पुनई उरांव नगड़ी थाना क्षेत्र के गड़गांव का रहनेवाला था। उसके घर के कई लोग अच्छे पदों पर हैं। एक चाचा बोकारो स्थित स्टील प्लांट में इंजीनियर हैं, जबकि मामा पुलिस में दारोगा हैं। उसके घरवाले चाहते थे कि वह पुलिस के पास सरेंडर कर मुख्यधारा में लौट आये। पुनई जवाब में कहता था कि उसे अभी पैसा कमाना है। पर्याप्त पैसा इकट्ठा हो जायेगा तो वह खुद हथियार रख देगा। वह सरेंडर करने के बाद पेट्रोल पंप खोलना चाहता था। घर के लोगों से उसकी मुलाकात नहीं के बराबर थी। फोन पर कभी-कभार बात हो पाती थी। घर-परिवार वाले समझाते थे कि वह जिस रास्ते पर चल रहा है, वह अच्छा नहीं है। पुनई को भी इसका एहसास हो चला था। वह मुख्यधारा में लौट पाता, उसके पहले ही मंगलवार को रांची से 15 किलोमीटर दूर लोधमा इलाके में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया।
फुटबॉल का शानदार खिलाड़ी था
उसने स्कूल की पढ़ाई बोकारो में रहकर की थी। पढ़ने में तेज था। उसने वहीं से मैट्रिक की परीक्षा फर्स्ट डिविजन में पास की थी। इंटर की पढ़ाई के लिए उसे रांची भेजा गया। इंटर की परीक्षा में भी उसे फर्स्ट डिविजन हासिल हुआ था। पुनई फुटबॉल का भी अच्छा खिलाड़ी था। उसे रांची में ग्रामीण इलाकों में होनेवाले टूर्नामेंट में विभिन्न क्लबों की टीमें उसे बॉरो प्लेयर के रूप में ले जाती थीं। उसने कई मैच में अपनी टीम को जीत भी दिलायी थी।
मात्र 15 मिनट चली मुठभेड़
पुनई उरांव पर रांची और खूंटी जिले में हत्या, रंगदारी, लेवी वसूली के लगभग डेढ़ दर्जन मामले दर्ज हैं। पुलिस के अनुसार सूचना मिली थी कि पुनई अपने दस्ते के साथ लोधमा इलाके में किसी घटना को अंजाम देने की तैयारी कर रहा है। रांची के एसएसपी सुरेंद्र झा की क्विक रिस्पांस टीम ने इस पर इलाके में सर्च आॅपरेशन चलाया। लोधमा इलाके में जब पुलिस ने उसे घेरा, तो उसने पिस्टल से गोलियां चलायीं। उसके पिस्टल में दस गोलियां थीं। उसने चार राउंड फायरिंग की थी। इसी बीच पुलिस की गोली उसके सिर में लगी और वह ढेर हो गया। रांची शहर से मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर यह मुठभेड़ हुई और मात्र 15 मिनट में पुनई के मारे जाने के साथ आॅपरेशन खत्म हो गया।
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