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    Home»Top Story»SC ने कहा- मरीजों के घरों पर पोस्टर लगने के बाद उनसे अछूतों जैसा बर्ताव किया जाता है
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    SC ने कहा- मरीजों के घरों पर पोस्टर लगने के बाद उनसे अछूतों जैसा बर्ताव किया जाता है

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskDecember 1, 2020No Comments1 Min Read
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    नई दिल्ली: कोरोना संक्रमित के घर के बाहर पोस्टर लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि कोरोना मरीजों के घरों पर एक बार पोस्टर लगने के बाद उनसे अछूतों जैसा बर्ताव किया जाता है। केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा कि यह कोई जरूरी नियम नहीं है, इस प्रैक्टिस का मकसद कोरोना मरीजों को कलंकित करना भी नहीं है, बल्कि यह व्यवस्था दूसरों की सुरक्षा के लिए है। सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने की कोशिशों में कुछ राज्य यह तरीका अपना रहे हैं।

    कोर्ट ने कहा- हकीकत अलग है
    सरकार के जवाब पर जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एम आर शाह की बेंच ने कहा कि जमीनी हकीकत कुछ अलग ही है। इस मामले में अगली सुनवाई गुरुवार को की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने 5 नवंबर को केंद्र सरकार से कहा था कि कोरोना मरीजों के घरों के बाहर पोस्टर लगाने से रोकने के लिए गाइडलाइंस जारी करने पर विचार करना चाहिए। इस मामले में पिटीशनर कुश कालरा ने यह अपील की थी। इस पर कोर्ट ने सरकार को बिना नोटिस जारी किए निर्देश दिया था।

    SC said - after putting posters on the homes of patients they are treated like untouchables.
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    azad sipahi desk

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