रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि कोरोना काल में राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों में काम कर रही है। केंद्र सरकार से जनवरी से लेकर अब तक कितना मिला है, वह कागजों पर है। हमारे साथ बहुत नाइंसाफी हुई है। इस संक्रमण में हम लोगों ने जो मुसीबतें देखी हैं, उनसे कैसे उबर पायेंगे, इसकी योजना बनायी जा रही है। वह बुधवार को दो विभागों की समीक्षा के बाद प्रोजेक्ट भवन स्थित झारखंड मंत्रालय में मीडिया से बात कर रहे थे। सीएम ने कहा कि बहुत तीव्रता के साथ राज्य सरकार संसाधन जुटाने में लगी हुई है। अभी हम अपने धन संग्रह में भी रफ्तार ला रहे हैं। बहुत जल्द राज्य को अपने पैरों पर खड़ा करेंगे। फिर इसे दौड़ने लायक बनायेंगे। सीएम ने कहा कि आने वाले समय में बहुत सी मुसीबतें और चुनौतियां हैं। तीन-तीन मेडिकल कॉलेजों में नामांकन पर रोक लगा दी गयी है। हमारे जीएसटी के पैसे नहीं मिल रहे हैं। कई सरकारी उपक्रमों पर करोड़ों रुपये बकाया हैं। वह पैसा अब तक नहीं मिल पाया है। सभी काम एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। सरकार का काम सिर्फ पैसे बांटना या योजना चालू करना ही नहीं, बल्कि धन संग्रह और आर्थिक प्रबंधन भी देखना होता है।
सीएम ने कहा कि आज विभागीय समीक्षा का पहला दिन था। यह जरूरी भी है कि समय-समय पर विभागों के अंदर क्या गतिविधियां चल रही हैं, इसकी समेकित रूप से समीक्षा हो। इससे पहले भी समीक्षा बैठक हुई है। इस बैठक से विभागों में कार्यों में तेजी आती है। कर्मचारियों- पदाधिकारियों में एक जोश भरता है। हम लोगों का प्रयास भी रहता है कि कामों में गति हो और पदाधिकारियों को जो जिम्मेदारी दी जाती है, उनके बारे में हम लोग समय-समय पर जानकारी लें।
आमदनी बढ़ाने के उपाय करें
इससे पहले मुख्यमंत्री ने विभागों के कामकाज की समीक्षा की शुरुआत की। पहले दिन उन्होंने योजना सह वित्त विभाग के अलावा कार्मिक, प्रशासनिक सुधार, मंत्रिमंडल सचिवालय, राजभाषा और निगरानी विभाग की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने राज्य की आमदनी बढ़ाने के उपाय करने पर जोर दिया। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के पास राज्य का जीएसटी कंपनसेशन का भुगतान बकाया है, लेकिन इसके भुगतान की दिशा में अब तक पहल नहीं की गयी है। वित्त एवं वाणिज्य कर विभाग द्वारा वर्तमान में किया जा रहा राजस्व संग्रह संतोषजनक नहीं है। राजस्व को दोगुना करने की दिशा में कार्य शुरू किया जाये और राजस्व संग्रह को प्राथमिकता माना जाये। झारखंड के विकास एवं यहां के लोगों को योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए व्यय तो होगा ही। लेकिन राज्य की आमदनी भी बढ़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि वाणिज्य कर विभाग द्वारा राजस्व संग्रह पर राज्य काफी हद तक निर्भर रहता है। विभाग की निगाह राज्य के हर कोने में होनी चाहिए, ताकि राजस्व संग्रह बेहतर ढंग से हो सके। टैक्स की चोरी को रोकने की दिशा में काम हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी के तहत न्यायालयों में कई मामले लंबित हैं। वाणिज्य कर विभाग को उन सभी मामलों की समीक्षा करनी चाहिए। अधिक राशि के मामलों पर विशेष ध्यान दें। न्यायालय में अपना पक्ष मजबूती से रखें। विभाग अपनी क्षमता को पहचानते हुए कार्य करेगा तो अधिक राजस्व की प्राप्ति होगी।
अन्य राज्यों से डीजल क्यों खरीद रही हैं कंपनियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सीमा से सटे जिलों में खनन कार्य कर रही कोयला कंपनियां अन्य राज्यों से डीजल खरीदे जाने की जानकारी मिल रही है, जबकि उनका एकरारनामा स्थानीय पेट्रोल पंप से डीजल लेने की है। इस दिशा में सुधार करें, जिससे राजस्व का घाटा संबंधित जिला को ना उठाना पड़े।
जाति, आवासीय और आय प्रमाण पत्र के मामले निबटायें
बाद में मुख्यमंत्री ने कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग एवं मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग के कार्य प्रगति की समीक्षा के दौरान जाति, आवासीय एवं आय प्रमाण पत्रों के लंबित आवेदनों का जल्द निपटारा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जेपीएससी एक कैलेंडर बनाकर नियमित रूप से प्रतियोगिता परीक्षाएं आयोजित करे। मुख्यमंत्री ने सेवा देने की गारंटी अधिनियम के अंतर्गत राज्य के सभी जिलों में जितने भी जाति प्रमाण पत्र, स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र एवं आय प्रमाण पत्र के आवेदन लंबित हैं, उन सभी आवेदनों का प्राथमिकता के तौर पर निष्पादन करने को कहा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश जारी किया जाये।
नियुक्ति प्रक्रियाओं में तेजी लाने का निर्देश
मुख्यमंत्री पदाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी विभागों में रिक्तियों की समीक्षा करते हुए आवश्यक सेवा के जितने भी पद रिक्त हैं उन्हें जल्द से जल्द भरने की कवायद शुरू करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागों में कर्मियों की कमी रहने के कारण कार्य बाधित होता है। विभागवार समीक्षा करते हुए कार्य हित में जो भी मैनपावर नियुक्त करने की आवश्यकता है, उसे पूरा करें। नये साल में नियुक्तियों से संबंधित विज्ञापन जारी हो, इस पर फोकस रखें।
ये थे मौजूद
बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, योजना सह वित्त विभाग की सचिव हिमानी पांडेय, वाणिज्य कर विभाग की सचिव वंदना डाडेल, कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग एवं मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह सहित संबंधित विभागों के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।