रांची। झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा की ओर से मुख्यमंत्री आवास घेरने जा रहे आंदोलनकारियों को पुलिस ने शनिवार को मोरहाबादी मैदान के समीप ही रोक दिया है। मोरहाबादी मैदान में पुलिस की ओर से रोके जाने पर आंदोलनकारियों ने जमकर विरोध किया। इस दौरान पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच हल्की धक्का-मुक्की भी हुई। हालांकि पुलिस की टीम ने उन्हें मोरहाबादी मैदान से आगे नहीं बढ़ने दिया। स्थिति यह है कि पुलिस और आंदोलनकारी दोनों एक-दूसरे के सामने डटे हुए हैं। आंदोलनकारियों ने कहा कि झारखंड आंदोलन के समय सिर्फ जेल जाने वाले ही आंदोलनकारी नहीं थे, बल्कि कई ऐसे लोग थे, जो आंदोलन को धार देने में जुटे हुए थे। उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को नई नीति वापस लेना होगा। वर्तमान समय मे झारखंड बनाने को लेकर जिन लोगों ने आंदोलन किया, वैसे लोगों को सरकार पेंशन दे रही है। आंदोलन के समय कम से कम तीन महीना जेल में रहा हो या फिर छह माह से ज्यादा समय जेल में रहने वाले आंदोलनकारियों को पेंशन दिया जा रहा है। छह माह से अधिक जेल में रहने वाले आंदोलनकारी को पांच हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन देने का प्रावधान किया गया है। छह माह से कम और तीन महीने से ज्यादा दिनों तक जेल में रहने वाले आंदोलनकारियों को तीन हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन देने का प्रावधान है। झारखंड आंदोलनकारियों ने सरकार की इस नई नीति को आंदोलनकारियों का अपमान बताते हुए विरोध कर रहे है।आंदोलनकारियों की मांग है कि इस मामले में जेल जाने की बाध्यता को खत्म किया जाए। मोरहाबादी क्षेत्र से मुख्यमंत्री आवास जाने वाले सड़क पर भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है और जगह जगह आंदोलनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग की गई है।

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