- यह गंभीर सवाल, अधिकारियों को काम में रुचि नहीं : स्पीकर
रांची। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को विधायक प्रदीप यादव ने निजी कंपनियों में राज्य के युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण दिए जाने के लिए बनी नियमावली का पालन नहीं होने का मुद्दा उठाया।
विधायक ने कहा कि तीन महीने में सिर्फ 404 कंपनियों का ही निबंधन हुआ है, जबकि प्रदेश में 4000 से ज्यादा निजी कंपनियां हैं। 12 सितंबर को अधिसूचना जारी हुई थी। तीन महीने से ज्यादा हो गया है लेकिन न तो कंपनियों का निबंधन हुआ है और नहीं कर्मचारियों का।
इस पर श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने बताया कि पोर्टल तैयार होने के बाद ही निबंधन होगा। जैप आईटी को पोर्टल बनाने का काम दिया गया है। डीपीआर तैयार हो रहा है। जैसे ही वह तैयार होगा पोर्टल ऑनलाइन कर दिया जाएगा।
मंत्री के जवाब पर प्रदीप यादव ने कहा कि जब पोर्टल ही नहीं बना है तो 400 कंपनियों का निबंधन कैसे हो गया। उन्होंने कहा कि अगर इसमें और देर हुआ तो निजी कंपनियां बैक डोर से भर्ती कर लेंगे और कहेंगे कि अब 40,000 से कम वेतन के कर्मचारियों की जगह बची ही नहीं है। इसलिए सरकार तुरंत पोर्टल एक्टिव करे।
विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि गिरिडीह में सिर्फ 43 कंपनियों ने ही निबंधन कराया है। निजी क्षेत्र की कंपनियों में प्रदेश के युवाओं को आरक्षण देने की यह बहुत अच्छी पहल थी। हम इसमें मॉडल बन सकते थे, लेकिन विभाग की शिथिलता से यह नहीं हो पाया। उन्होंने इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी का भी गठन करने की मांग की। सुदिव्य सोनू और प्रदीप यादव दोनों ने कहा कि यह बड़े शर्म की बात है।
विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो भी इस मामले को लेकर गंभीर दिखे। उन्होंने मंत्री से कहा कि यह गंभीर सवाल है। विभागीय अधिकारियों की रूचि उसमें कम दिख रही है। इसके बाद मंत्री ने सदन को आश्वासन दिया कि 20 जनवरी तक योजना को धरातल पर उतारने का काम करेंगे।