• अनिल ओझा को जिला अध्यक्ष पद से हटाने के खिलाफ जारी है धरना-प्रदर्शन
  • आलमगीर पर लग रहा साहिबगंज कांग्रेस कमेटी पर कब्जा का आरोप

आजाद सिपाही संवाददाता

साहिबगंज। जिलाध्यक्ष पद से अनिल ओझा को हटाये जाने के विरोध में कांग्रेस पार्टी द्वारा 15 दिसंबर को साहिबगंज के मंडरो प्रखंड के मिर्जा चौकी हाटपाड़ा में धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता मंडरो प्रखंड के प्रखंड उपाध्यक्ष पंकज गुप्ता ने किया। धरना प्रदर्शन में महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष डॉ अनीता देवी, महिला कांग्रेस की प्रदेश सचिव पूनम किरण चौरसिया, प्रखंड कांग्रेस पदाधिकारी सहित सभी प्रकोष्ठों के कार्यकर्ता, पदाधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित हुए।
दरअसल साहिबगंज जिला के कांग्रेस संगठन में घमासान, नाराजगी तथा धरना प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब आॅल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने अनिल ओझा को जिला अध्यक्ष बना दिया, तो फिर आखिर किस कारण से दो दिनों के अंदर उन्हें हटाने का आदेश दिया गया और अल्पसंख्यक कोटा के नाम से आलमगीर आलम के विधायक प्रतिनिधि बरकतुल्लाह खान को जिलाध्यक्ष बना दिया गया।

कांग्रेसियों की नाराजगी इसलिए भी है कि साहिबगंज मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर बरहरवा प्रखंड से नये जिलाध्यक्ष बरकतुल्लाह खान, मंत्री आलमगीर आलम, उनके पुत्र प्रदेश महासचिव तनवीर आलम सहित कांग्रेस के बड़े नेता आते हैं और अधिकांश जिला के वरीय पदाधिकारी तथा नेता भी अन्य प्रखंडों से ही आते हैं। ऐसे में जिला मुख्यालय से एक मात्र मजबूत और लोकप्रिय नेता अनिल ओझा को पार्टी ने जिलाध्यक्ष बनाया था, तो कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर थी।

अनिल ओझा के जिलाध्यक्ष बनने से कांग्रेस संगठन में विश्वास जगा था कि अब कांग्रेस मजबूत होगी तथा भाजपा से मजबूती से लड़ेगी। ऐसे में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष पद से अनिल ओझा को हटाये जाने से कांग्रेस के कार्यकर्ता काफी निराश हैं तथा जगह-जगह धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए पुन: जिलाध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं।
अनिल ओझा जिले में तथा जिले के बाहर काफी लोकप्रिय माने जाते हैं। अनिल ओझा छात्र जीवन से अभी तक लगातार काम करते आये हैं तथा साहिबगंज जिले में संगठन में काफी लोकप्रिय है। कांग्रेस के कार्यकर्ता उन्हें पसंद करते हैं। यही कारण है कि आलाकमान ने जिलाध्यक्ष अनिल ओझा को बनाया था। फिर मंत्री आलमगीर आलम ने अपनी पावर का दुरुपयोग करते हुए अपने विधायक प्रतिनिधि बरकतुल्लाह खान को जिला अध्यक्ष बनवा लिया। बस इसी कारण कांग्रेस संगठन में आज बवाल मचा है और कांग्रेस के कार्यकर्ता पूरे जिला में तथा सभी प्रखंडों में धरना प्रदर्शन, पुतला दहन, काला बिल्ला, रैली करते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं कि आखिर किस परिस्थिति में मंत्री आलमगीर आलम ने सारे तथ्यों को छुपाकर अल्पसंख्यक कार्ड खेल कर के साहिबगंज जिला में अनिल ओझा को बदल दिया गया है।

कार्यकर्ताओ का कहना है कि जान बूझ कर आलमगीर आलम द्वारा संगठन को कमजोर करने की साजिश रची गयी है ताकि साहिबगंज जिले में कांग्रेस निष्क्रिय हो जाये, क्योंकि आलमगीर आलम खुद पाकुड़ विधानसभा से चुनाव लड़ते हैं, इसलिए साहिबगंज जिला के संगठन को कमजोर करना चाहते हैं ताकी खुद और उनका परिवार बेटा भतीजा ही एकमात्र नेता रहें। अनिल ओझा के हटने से संगठन पर

काफी बुरा प्रभाव पड़ेगा तथा कांग्रेस काफी कमजोर हो जायेगी। अनिल ओझा जिला मुख्यालय से आते हैं।

साहिबगंज जिला से सभी बड़े नेता अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं। ऐसे में कैसे अल्पसंख्यक कोटा कह कर अनिल ओझा को हटाया गया, इसी की जांच करे आलाकमान
1. एनएसयूआइ के जिला अध्यक्ष मो तनवीर राजा ,पिता मो रफजुल अहमद
2. युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मो एकलाख नदीम
3. सेवादल के जिला अध्यक्ष मो अल्ताफ हुसैन
4. अल्पसंख्यक सेल के जिला अध्यक्ष मो रफाजुल अहम, (तनवीर राजा तथा रफाजुल अहमद पिता पुत्र हैं।)
5. जिला कांग्रेस कमेटी जिला अध्यक्ष बरकतुल्लाह खान (विधायक प्रतिनिधि आलमगीर आलम )
6. झारखंड प्रदेश महासचिव तनवीर आलम पुत्र आलमगीर आलम (मंत्री)
7. मो सैफ प्रदेश महासचिव झारखंड प्रदेश (भतीजा आलमगीर आलम मंत्री )
8. विधायक दल नेता तथा सबसे बड़े मंत्री (झारखंड सरकार) आलमगीर आलम
9. तीन प्रखंड अध्यक्ष तथा चार प्रदेश प्रतिनिधि अल्पसंख्यक समाज से।

पतना प्रखंड के अध्यक्ष मोहम्मद परवेज आलम।
बरहेट प्रखंड के अध्यक्ष मोहम्मद तैमूर अंसारी।
उधवा प्रखंड के अध्यक्ष मोहम्मद बदरुद्दोजा।
तथा चार प्रदेश प्रतिनिधि भी अल्पसंख्यक समाज से।
मंडरो प्रखंड प्रदेश प्रतिनिधि मुर्साद अली।
राजमहल प्रखंड के प्रदेश प्रतिनिधि मोहम्मद कलीमुद्दीन।
बरहेट प्रखंड प्रदेश प्रतिनिधि मोहम्मद सरफराज आलम।
बरहरवा प्रखंड के प्रदेश प्रतिनिधि आलमगीर आलम (मंत्री )

प्रदेश कार्यकारिणी झारखंड प्रदेश
1. मोहम्मद एफ हुसैन
2. गुलाम रब्बानी

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