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    Home»Jharkhand Top News»कानूनी पेंच में फंसा कर युवाओं को नौकरी नहीं देना चाहती सरकार : अमर बावरी
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    कानूनी पेंच में फंसा कर युवाओं को नौकरी नहीं देना चाहती सरकार : अमर बावरी

    adminBy adminDecember 20, 2023No Comments2 Mins Read
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    रांची | नेता प्रतिपक्ष अमर बावरी ने बिल पर बाबूलाल मरांडी से पक्ष रखने को कहा। इसपर स्पीकर ने कहा कि पहले आप अपनी राय दें। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्यपाल ने अटॉर्नी जनरल के सुझाव पर बिल को वापस किया। इस बिल का मूल आधार 1932 का खतियान है। थर्ड-फोर्थ ग्रेड की नौकरी में आरक्षण का मामला है। सरकार की मंशा ठीक नजर नहीं आ रही है। अमर बावरी ने कहा कि राज्यपाल ने जो सुझाव दिये हैं, उस पर अमल करें, नहीं तो फिर से यह विधेयक कानूनी पेंच में फंस जायेगा। उन्होंने कहा कि नियोजन पूरी तरह से राज्य का विषय है, इसे केंद्र पर थोपा ना जाये। इस विधेयक को आप फिर कानूनी पेंच में फंसा कर युवाओं को नौकरी नहीं देना चाहते हैं।

    उन्होंने कहा कि पूर्व में जब जेएमएम हमारे साथ सरकार में था तब उसने स्थानीय नीति के मामले में समर्थन वापस लिया। जब हमारी सरकार 14 में बनी तो हमने कैबिनेट से पारित कर स्थानीय नीति लागू की थी। हमने बिल नहीं लाया। इस सरकार में जो बहाली हुई सब पूर्व की सरकार के समय का है। सरकार थर्ड-फोर्थ ग्रेड के लिए ये कर रही है तो सही है। उन्होंने कहा कि पूर्व में हमने भी इस बिल को समर्थन दिया था। इसको राज्य का विषय रहने दीजिए, केंद्र पर मत थोपिए। इससे राज्य का भला नहीं होने वाला। आप रोजगार देने में फेल हुए है इसे स्वीकार करिए, फिर आगे बढ़ें।

    संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि 1932 के बिल पर विपक्ष के नेता ने अपनी बात रखी है, उन्होंने एक बात पर बल दिया कि कैबिनेट से इसे लागू करें लेकिन विषय जब 50 फीसदी से अधिक के आरक्षण का मामला आयेगा तो केंद्र के पास जाना ही पड़ेगा। इस बिल पर भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि हमने इनकी बातें सुनी। इस बिल को लेकर कागज हमें मिला है। संसदीय कार्य मंत्री की बात से हम सहमत हैं। ये टालने वाली स्थानीय नीति साबित होगी। आखिर 9वीं अनुसूची में सरकार क्यों भेजना चाहती है।

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