विशेष
-मंदिर बन जाने से भारत की इस पौराणिक नगरी की अर्थव्यवस्था को लगेंगे पंख
-देश के सांस्कृतिक और आर्थिक पुनर्जागरण का सबसे बड़ा केंद्र बनेगी अयोध्या
भारत की सबसे पवित्र और पौराणिक नगर अयोध्या में श्रीराम का जो भव्य मंदिर बन रहा है, उसके बारे में तरह-तरह की बातें की जा रही हैं, लेकिन इस मंदिर निर्माण के एक पहलू की तरफ किसी का ध्यान नहीं गया है। वह है इस मंदिर के कारण अयोध्या समेत पूरे इलाके का आर्थिक विकास। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि प्रभु श्रीराम का मंदिर अयोध्या का वर्तमान स्वर्णिम भविष्य की रूपरेखा तय कर रहा है, जिसमें न सिर्फ इतिहास-भूगोल, बल्कि अर्थव्यवस्था की तस्वीर भी बदलेगी। राम मंदिर निर्माण के साथ इतिहास परिमार्जित हो रहा है, तो बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन से अयोध्या की आर्थिक सेहत भी सुधर रही है। वर्तमान में अयोध्या में सालाना आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या एक करोड़ के आसपास रहती है, जो निकट भविष्य में चार से पांच करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। इससे न सिर्फ होटल उद्योग को लाभ होगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। अयोध्या में विविध क्षेत्रों की कंपनियों की निवेश की मंशा इससे भी समझी जा सकती है कि यहां पहली बार आयोजित निवेशक सम्मेलन में अलग-अलग क्षेत्रों की कंपनियों ने 19 हजार करोड़ रुपये के निवेश का एमओयू किया। इसमें होटल और वाटर पार्क के अलावा कई अन्य उद्योग लगाने के प्रस्ताव थे। इसके अलावा उम्मीद की जा रही है कि राम मंदिर निर्माण के साथ ही अयोध्या में रियल इस्टेट का कारोबार भी गति पकड़ेगा। भव्य अयोध्या में एक ओर जहां 25 से अधिक राज्यों के अतिथि गृहों का निर्माण होगा, तो दूसरी ओर अन्य देशों के भी अतिथि गृह बनाये जायेंगे। इसके साथ ही ग्रीन फील्ड टाउनशिप का निर्माण भी प्रस्तावित है। क्या होगा अयोध्या की अर्थव्यवस्था में बदलाव, बता रहे हैं आजाद सिपाही के विशेष संवाददाता राकेश सिंह।
भारत में अयोध्या की तर्ज पर ही अन्य धार्मिक स्थल भी विकसित किये गये हैं। वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर विकसित किया जा चुका है। गुजरात में सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया है। पावागढ़ गुजरात में ही मां कालका मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया है। उत्तराखंड में केदारनाथ धाम प्रोजेक्ट पर भी काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर का निर्माण हुआ है। असम में माता कामाख्या कॉरिडोर बन रहा है। पूरे भारत में ही धार्मिक स्थलों को विकसित कर देश में धार्मिक एवं क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारत के पर्यटन मंत्रालय के एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2021-22 में भारत में पर्यटन गतिविधियों से 1.34 लाख करोड़ रुपये की आय हुई है, जबकि वर्ष 2020-21 में धार्मिक पर्यटन से 65 हजार करोड़ रुपये की आय हुई थी। इस प्रकार भारत में विकसित किये जा रहे विभिन्न धार्मिक स्थलों के कारण पर्यटन की गतिविधियों से आय मात्र एक वर्ष के अंतराल में ही दोगुनी से भी अधिक हो गयी है। सेंटर फॉर सोशल इंपैक्ट एंड फिलांथ्रॉपी के अनुसार वर्ष 2021-22 के दौरान भारत में विभिन्न मंदिरों को मिलने वाला घरेलू दान 14 प्रतिशत बढ़कर 27 हजार करोड़ रुपये का हो गया है, जबकि वर्ष 2020-21 में 23 हजार सात सौ करोड़ रुपये का दान विभिन्न मंदिरों को प्राप्त हुआ था। विशेष रूप से वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के विकसित किये जाने के बाद से काशी विश्वनाथ मंदिर को मिलने वाला दान पांच सौ प्रतिशत बढ़ गया है। वर्ष 2021-22 में काशी विश्वनाथ मंदिर को एक सौ करोड़ रुपये का दान प्राप्त हुआ था। साथ ही इस दौरान वाराणसी में धार्मिक पर्यटन भी एक हजार प्रतिशत बढ़ गया है। इसी प्रकार उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर के विकसित होने के बाद बाबा महाकाल मंदिर में धार्मिक पर्यटन 18 सौ प्रतिशत बढ़ा है। इन धार्मिक स्थलों पर पर्यटन बढ़ने से चूंकि व्यापार बढ़ रहा है, अत: इन क्षेत्रों में रोजगार के हजारों नये अवसर भी निर्मित हो रहे हैं। अब तो वृंदावन में भी बांके बिहारी कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं का बांके बिहारी मंदिर में पहुंचना आसान हो सके।
इसके साथ ही अंतत: वह घड़ी भी बहुत करीब आ पहुंची है, जिसका इंतजार दुनिया भर के हिंदू धर्मावलंबी पिछले लगभग पांच सौ वर्षों से कर रहे हैं। पांच अगस्त 2020 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूजनीय संत मंडल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परम पूजनीय सर संघचालक मोहन भागवत के सानिध्य में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखी थी। अब 22 जनवरी 2024 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही पूज्य संत मंडल और परम पूजनीय सर संघचालक मोहन भागवत की उपस्थिति में अयोध्या में नव निर्मित प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर का उद्घाटन करने जा रहे हैं। भारत ही क्या, बल्कि पूरे विश्व में ही इसको लेकर हिंदू धर्मावलंबी अति उत्साहित हैं और पूरे भारत में वातावरण राममय होने जा रहा है।
विशेष रूप से प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में केवल एक भव्य मंदिर बनाने की परिकल्पना नहीं की गयी है, बल्कि भव्य मंदिर के साथ-साथ विशाल पुस्तकालय, संग्रहालय, अनुसंधान केंद्र, वेद पाठशाला, यज्ञशाला, सत्संग भवन, धर्मशाला, प्रदर्शनी आदि को भी विकसित किया जा रहा है, ताकि आज की युवा पीढ़ी को प्रभु श्रीराम के काल पर अनुसंधान करने में आसानी हो। प्रभु श्रीराम के मंदिर को राष्ट्र मंदिर भी कहा जा रहा है, क्योंकि यहां आने वाले हर व्यक्ति को यह मंदिर भारतीय सनातन संस्कृति की पहचान करायेगा। पूरे विश्व में यह मंदिर हिंदू सनातन धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए आस्था का केंद्र बनने जा रहा है। अत: यहां पूरे विश्व से सैलानियों का लगातार आना बना रहेगा। यह मंदिर पूरे विश्व में हिंदू धर्मावलंबियों के लिए एक महत्वपूर्ण आस्था का केंद्र बनने के साथ-साथ पर्यटन के एक विशेष केंद्र के रूप में भी विकसित होने जा रहा है। इसलिए प्रभु श्रीराम की कृपा से करोड़ों व्यक्तियों की मनोकामनाओं की पूर्ति के साथ-साथ लाखों लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम मंदिर पूरे विश्व में निवास करनेवाले हिंदू धर्मावलंबियों के लिए न केवल विशाल आस्था के एक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, बल्कि यह देश में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देगा और इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को जबरदस्त लाभ होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। हाल ही में संपन्न दीपावली के शुभ अवसर पर अयोध्या में 22.23 लाख दीये जलाये गये थे। यह अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड के रूप में माना जा रहा है। वर्तमान में करीब एक करोड़ पर्यटक प्रतिवर्ष अयोध्या पहुंचते हैं। प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण हो जाने के बाद पर्यटकों की यह संख्या 10 गुना तक बढ़ सकती है, अर्थात 10 करोड़ पर्यटक प्रतिवर्ष अयोध्या में आ सकते हैं। एक पर्यटक यदि अयोध्या में रहते हुए दो हजार रुपये का खर्च भी करता है, तो 20 हजार करोड़ रुपये का व्यापार अकेले अयोध्या में प्रतिवर्ष होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। धार्मिक पर्यटन के साथ ही पूरे वर्ष भर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम और कई प्रकार के भव्य समारोह भी अयोध्या में आयोजित होने लगेंगे। इससे कुल मिलाकर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रतिवर्ष एक लाख करोड़ रुपये का व्यापार केवल अयोध्या में ही होने लगेगा। अयोध्या में होटल और रिसॉर्ट का निर्माण करने के लिए 20 प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार को प्राप्त हो चुके हैं। इनमें कई फाइव स्टार होटल भी शामिल हैं। अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय स्तर का आधारभूत ढांचा और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी विकसित किया जा रहा है। अयोध्या रेलवे स्टेशन को विकसित कर लिया गया है। इन व्यवस्थाओं के विकसित होने के बाद अयोध्या में बढ़ने वाले धार्मिक पर्यटन से लाखों की संख्या में नये रोजगार के अवसर निर्मित होने जा रहे हैं।
प्रतिवर्ष लगभग 10 करोड़ पर्यटकों के अयोध्या पहुंचने से स्थानीय स्तर पर छोटे-छोटे व्यवसायियों को भी अपार आर्थिक लाभ होगा। धर्मशाला, होटल, यातायात व्यवस्था, खाद्य सामग्री, फल, फूल आदि अन्य कई प्रकार के पदार्थों की मांग बढ़ेगी, जिसकी आपूर्ति बनाये रखने के लिए कई प्रकार के छोटे-छोटे उद्योग-धंधे भी अयोध्या के आसपास के गावों में विकसित होंगे। फल, सब्जी, फूल आदि पदार्थों की पैदावार भी ग्रामीण इलाकों में होने लगेगी, जिससे इस क्षेत्र के किसानों को भी भरपूर लाभ होने लगेगा। अपने आप में अयोध्या आस्था के केंद्र के साथ-साथ एक वाणिज्यिक केंद्र के रूप में भी विकसित होने जा रहा है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि प्रभु श्रीराम तो अपने मंदिर में विराजेंगे ही, साथ ही इस क्षेत्र में निवास कर रहे नागरिकों को भी आर्थिक रूप से अत्यधिक लाभ होने जा रहा है। अयोध्या में पूरे विश्व से पर्यटकों के आने से उत्तरप्रदेश की अर्थव्यवस्था को तो जैसे पंख ही लग जायेंगे।