मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों को दिया निर्देश
नवगठित हेमंत कैबिनेट की पहली बैठक में 17 बिंदुओं पर हुई चर्चा
विभागों की समीक्षा करने और लाभुकों से फीडबैक भी लेने को कहा
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की नजर राज्य के विकास पर टिकी हुई है। वह विकास योजना और जनहित के कार्यों को बढ़ावा देने के लिए अभी से प्रयासरत हो गये हैं। इसी संदर्भ में हेमंत सोरेन ने अपने मंत्रिपरिषद् के सदस्यों को अगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में ली जाने वाली योजनाओं की रूपरेखा तैयार करने का निर्देश दिया है। हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक हुई। नयी सरकार के मंत्रियों के शपथ और विभाग बंटवारे के बाद यह पहली कैबिनेट बैठक थी। इसमें कोई एजेंडा पहले से तय नहीं था। सभी विषय अन्यान्य में लिये गये। बैठक में 17 बिंदुओं पर चर्चा हुई। इनमें से एक अगले वित्तीय वर्ष में योजनाओं की रूपरेखा तैयार करने का निर्देश था।
मुख्यमंत्री ने बैठक सभी मंत्रियों को अपने-अपने विभागीय कार्यों के संपादन के लिए कई तरह के परामर्श दिये। बैठक में जिन बातों की चर्चा हुई, उन्हें ध्यान में रखने का आग्रह किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मंत्री विभागीय कार्यकलाप का समीक्षा करें। सभी योजनाओं को समझ कर उनके गुण-दोष का अध्ययन करें। अपने-अपने विभाग के सभी जिला के क्षेत्रीय कार्यालय में जा कर विभागीय कार्यकलाप की समीक्षा करें। विभागीय योजना के लाभुकों से मुलाकात कर फीडबैक लें। बहुत दिनों से लंबित योजनाओं के लंबित रहने के कारण की समीक्षा करें और उसको पूरा कराने के लिए कार्रवाई करें। कई योजनाएं ऐसी हैं, जिनमें आज की पृष्ठभूमि में बदलाव अपेक्षित है या फिर कुछ प्रावधान के कारण क्रियान्वयन में कठिनाई होती है उसके निराकरण का प्रस्ताव प्राप्त कर कार्रवाई करें।
मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये अन्य परामर्श:
-मंत्रिपरिषद में भेजे जाने वाले प्रस्ताव पर स्वयं संतुष्ट हो लें। वित्त विभाग/विधि विभाग/कार्मिक विभाग से भी संपर्क करें, ताकि ससमय कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव आ सके।
-राज्य में आपके विभाग की योजना से अगर कोई क्षेत्र छूटा हुआ है, खासकर दूर-दराज के क्षेत्र, एससी-एसटी क्षेत्र, पहाड़ी क्षेत्र उसके लिए योजना के प्रस्ताव पर विचार करें।
-वैसे विभाग, जिनमें राजस्व प्राप्ति की बेहतर संभावनाएं हैं, वे राजस्व स्रोत की समीक्षा कर राजस्व प्राप्ति की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव तैयार करें।
-भवन जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर वाली योजना की विशेष समीक्षा करें, ताकि बने हुए भवन का वास्तविक इस्तेमाल हो सके। अनावश्यक भवन आदि की योजना न ली जाये।
-अधीनस्थ अधिकारी, कर्मचारी के प्रोन्नति की स्थिति की समीक्षा करें और प्रोन्नति प्रदान करें।
-पदस्थापना की समीक्षा करें और आवश्यकता या कम जरूरी के आधार पर एडजस्टमेंट करें।
-आप्त सचिव तथा निजी स्टाफ रखते समय उसकी पृष्ठभूमि जरूर देख लें, ताकि विवादित कर्मी मंत्री कार्यालय में स्थान नहीं पायें।
– कोर्ट केस मामले की भी समीक्षा करें, ताकि सरकार केस कम से कम हारे।
-अपने विधान-सभा क्षेत्र से बाहर भी हर जिला में भ्रमण करें। लोगों से मिलकर वहां की समस्या (खासकर अपने विभाग से संबंधित) के निपटारा के लिए प्रयास करें।
-क्षेत्रीय पदाधिकारियों के बारे में क्षेत्र भ्रमण के क्रम में फीडबैक प्राप्त करें और मुख्यमंत्री को समय-समय पर अवगत करायें।
-स्थानीय जन प्रतिनिधियों से मिलने के लिए तिथि का निर्धारण कर दें, ताकि सभी को सहुलियत हो।
-सभी मंत्रीगण समय-समय पर अपने विभाग की उपलब्धियों के विषय में प्रेस के प्रतिनिधियों को प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी उपलब्ध कराते रहेंगे।
हमलोगों ने तय किया है कि आने वाले समय में राज्य को बेहतर दिशा दी जायेगी। हमने 15-16 बिंदुओं को बनाया है। इस पर कैबिनेट बैठक में चर्चा की गयी। इसके जरिये हम लोग राज्य को दिशा देने के लिए रूपरेखा तैयार करेंगे।
-हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री