Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Sunday, June 29
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»दुनिया»पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने सैन्य अदालतों को 85 मामलों में सशर्त फैसला सुनाने की अनुमति दी
    दुनिया

    पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने सैन्य अदालतों को 85 मामलों में सशर्त फैसला सुनाने की अनुमति दी

    shivam kumarBy shivam kumarDecember 13, 2024Updated:December 13, 2024No Comments2 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने आज सैन्य अदालतों को नौ मई, 2023 के दंगों से संबंधित 85 मामलों में फैसला सुनाने की अनुमति दे दी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सैन्य अदालतों के फैसले सशर्त होंगे। नरमी के पात्र आरोपितों को रिहा किया जाना चाहिए। जिन लोगों को बरी नहीं किया जा सकता, उन्हें अपनी सजा काटने के लिए जेलों में स्थानांतरित किया जाना चाहिए।

    एआरवाई न्यूज चैनल के अनुसार यह फैसला जस्टिस अमीनुद्दीन खान की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने सुनाया। शीर्ष अदालत ने नागरिकों के सैन्य मुकदमे के खिलाफ अपील की सुनवाई पर आज अपने आदेश में कहा कि सैन्य अदालतों के फैसले उसके समक्ष लंबित मामलों पर शीर्ष अदालत के फैसले के लिए सशर्त होंगे।

    शीर्ष अदालत ने संक्षिप्त आदेश में कहा कि नरमी के पात्र आरोपितों को रिहा किया जाना चाहिए। जिन लोगों को बरी नहीं किया जा सकता, उन्हें अपनी सजा काटने के लिए जेलों में स्थानांतरित किया जाना चाहिए। इस संबंध में आज भी संघीय सरकार के वकील ख्वाजा हारिस ने अपनी दलील रखीं। जस्टिस जमाल खान मंडोखाइल ने उनसे पूछा कि क्या इस श्रेणी में सभी पर मुकदमा चलाने के लिए सेना अधिनियम में संशोधन किया जाना चाहिए? जस्टिस मोहम्मद अली मजहर ने सेना अधिनियम के कुछ प्रावधानों को असंवैधानिक घोषित करने के पीछे के कारणों के बारे में पूछताछ की।

    जस्टिस मंडोखाइल ने कहा कि सेना अधिनियम 1973 के संविधान से पहले बनाया गया था। ख्वाजा हारिस ने जवाब दिया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में खामियां थीं।

    जस्टिस जमाल मंडोखाइल ने टिप्पणी की, “अदालत के फैसले का इस हद तक अनादर न करें कि आप इसे त्रुटिपूर्ण कहें।” ख्वाजा हारिस ने माफी मांगते हुए कहा, “मेरे शब्द कानूनी प्रकृति के नहीं थे।” जस्टिस मजहर ने टिप्पणी की कि अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान नौ मई की घटनाओं का विवरण भी मांगा था। वर्तमान में हमारे सामने मामला केवल कोर कमांडर हाउस से संबंधित है। यदि मामला केवल कोर कमांडर के घर तक ही सीमित रहना है, तो कृपया इसे भी स्पष्ट करें। अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सभी विवरण आज सुबह प्राप्त हो गए हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह संपूर्ण विवरण जल्द प्रस्तुत कर देंगे।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleशुरुआती कारोबार में शेयर बाजार पर बना दबाव, सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट
    Next Article आइजी अखिलेश झा समेत अन्य अधिकारियों ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र का किया दौरा
    shivam kumar

      Related Posts

      प्रधानमंत्री ओली को चुनौती, पूर्व राष्ट्रपति विद्या भंडारी ने सक्रिय राजनीति में वापसी का किया ऐलान

      June 29, 2025

      पूर्व मिनेसोटा हाउस स्पीकर मेलिसा हॉर्टमैन को अंतिम विदाई, बाइडेन-हैरिस और गवर्नर वॉल्ज हुए शामिल

      June 29, 2025

      इजराइल ने हमास के टॉप कमांडर इसा अल-इसा को मार गिराने का दावा किया

      June 29, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • अंपायर के फैसले पर आपत्ति जताई तो आईसीसी ने वेस्टइंडीज के कोच डेरेन सैमी पर लगाया जुर्माना
      • स्मृति मंधाना के शतक से भारत ने इंग्लैंड को पहले टी20 में 97 रन से हराया
      • ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री मोदी ने आपातकाल को बताया लोकतंत्र की हत्या, संविधान रक्षकों को किया नमन
      • हिमाचल में मानसून का कहर, 8 दिनों में 34 लोगों की मौत, 74 जख्मी
      • उत्तराखंडः यमुनोत्री हाईवे पर सिलाई बैंड के पास फटा बादल, 8 से 9 मजदूर लापता
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version