वाशिंगटन। फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती का संकेत दिए जाने के बाद बाजार में गिरावट का रुख है। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्टॉप गैप खर्च बिल की निंदा करने के बाद सरकारी शटडाउन की संभावना बढ़ गई है। द न्यूयॉर्क टाइम्स के इस विश्लेषण के अनुसार, पांच साल की अनिश्चितता और उथल-पुथल के बाद ऐसा लगता है कि ट्रंप प्रशासन को अगले साल अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
आर्थिक विश्लेषकों की मंदी की चेतावनी के बाद फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती कर रहा है। हालांकि ट्रंप ने चुनाव जीतने के बाद नीतिगत बदलाव करने की बात कही है। उनकी इस घोषणा का अर्थव्यवस्था पर गहरा और जटिल प्रभाव हो सकता है। ट्रंप ने भारी नए टैरिफ लगाने और संयुक्त राज्य अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले लाखों अप्रवासियों को निर्वासित करने का प्रस्ताव दिया है। इसका आर्थिक मोर्चे पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है। आलोचक मानते हैं कि इस तरह के बदलावों से आर्थिक प्रणाली संकट से घिर सकती है।
रूढ़िवादी थिंक टैंक के रूप में प्रसिद्ध अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के अर्थशास्त्री माइकल स्ट्रेन कहते हैं कि बाजार में व्यापार और आव्रजन नीति के बारे में खामोशी अर्थव्यवस्था के लिए बेहद विघटनकारी हो सकती है। ट्रंप के नए टैरिफ निवेश को हतोत्साहित करते हैं। बड़े पैमाने पर निर्वासन से श्रमिक संकट बढ़ेगा। यदि ऐसा होता है तो अमेरिकियों को बढ़ती कीमतों और धीमी वृद्धि दोनों का सामना करना पड़ सकता है। स्टेन ने कहा कि आयातित वस्तुओं, किराने के सामान, रेस्तरां के भोजन और घरों की कीमत में नाटकीय रूप से वृद्धि होगी। बैंक ऑफ अमेरिका के वरिष्ठ अर्थशास्त्री आदित्य भावे ने कहा, “अगर कोई एक चीज है जिसके बारे में आप अभी अर्थव्यवस्था के बारे में चिंतित होना चाहते हैं तो वह श्रम बाजार के बारे में है।”