पश्चिमी सिंहभूम: झारखंड में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की कार्रवाई लगातार जारी है। इसी क्रम में, एसीबी की टीम ने चाइबासा में बड़ी कार्रवाई करते हुए भवन निर्माण विभाग में पदस्थापित कार्यपालक अभियंता अरुण कुमार सिंह को ₹70,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मच गया है।
कार्यपालक अभियंता अरुण कुमार सिंह पर किसी सरकारी कार्य के भुगतान या अनुकूल कार्रवाई के बदले कमीशन के रूप में रिश्वत मांगने का आरोप था। एसीबी को शिकायत मिलते ही, प्राथमिक जांच और सत्यापन के बाद जाल बिछाया गया। तय योजना के तहत जैसे ही अभियंता ने रिश्वत की राशि स्वीकार की, एसीबी की टीम ने उसे मौके पर ही धर दबोचा।
गिरफ्तारी की खबर फैलते ही भवन निर्माण विभाग में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। अधिकारी और कर्मचारी सकते में आ गए। फिलहाल, एसीबी की टीम आरोपित अभियंता से गहन पूछताछ कर रही है और यह जानने की कोशिश कर रही है कि इस भ्रष्टाचार में और कौन-कौन लोग शामिल हैं। जानकारों के अनुसार, जांच का दायरा बढ़ सकता है और कई अन्य अधिकारियों की भूमिका भी सामने आ सकती है। एसीबी आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने की प्रक्रिया में जुटी है, जिसे प्रशासनिक स्तर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ एक अहम सफलता माना जा रहा है।
उधर, झारखंड शराब घोटाला मामले में भी एसीबी ने अपनी जांच तेज कर दी है। ब्यूरो ने मेसर्स मार्शन इनोवेटिव सिक्यूरिटी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक को गुजरात के अहमदाबाद से गिरफ्तार किया है। इस एजेंसी का चयन हजारीबाग, कोडरमा और चतरा में मानव संसाधन प्रदाता के तौर पर किया गया था। एजेंसी पर 27 अगस्त 2023 को कंपनी के प्रतिनिधि नीरज कुमार के हस्ताक्षर से ₹5.35 करोड़ रुपये की फर्जी बैंक गारंटी जमा करने का आरोप है।
इससे पहले, एसीबी ने 14 अक्टूबर को भी मेसर्स विजन हॉस्पिटलिटी सर्विसेज एंड कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के तीन निदेशकों को अहमदाबाद से गिरफ्तार किया था। एसीबी की यह लगातार कार्रवाई दिखाती है कि सरकारी योजनाओं में हो रहे घोटालों पर नकेल कसने की प्रक्रिया तेज़ हो गई है।

