काठमांडू। नेपाल में संसदीय चुनाव अगले साल 5 मार्च को होंगे और अब महज़ 90 दिन शेष रह गए हैं। निर्वाचन आयोग ने तैयारियों को फाइनल टच देना शुरू कर दिया है; 6 दिसंबर से समानुपातिक निर्वाचन प्रणाली का कार्यक्रम लागू हो जाएगा। आयोग के प्रवक्ता नारायण प्रसाद भट्टराई ने बताया कि राजनीतिक दल 7 दिसंबर को सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक समानुपातिक प्रणाली से जुड़ा आवेदन जमा कर सकते हैं, जिसकी सूची 10 दिसंबर को जारी होगी। बंद सूची 28-29 दिसंबर को दाखिल की जा सकेगी और अंतिम प्रत्याशी सूची 13 फरवरी को प्रकाशित होगी, ताकि दलों को प्रचार के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
प्रत्यक्ष निर्वाचन की बात करें तो नामांकन 20 जनवरी को दाखिल होंगे और उसी दिन संक्षिप्त सूची जारी होगी; 21 जनवरी को आपत्तियां दर्ज होंगी, 22 को प्रारंभिक सूची और 23 को नाम वापसी के बाद अंतिम प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न आवंटित होंगे। चुनाव प्रचार 3 मार्च शाम 5 बजे तक चलेगा, उसके बाद मौन अवधि लागू होगी। मतदान 5 मार्च सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक होगा; EVM और बैलेट दोनों का इस्तेमाल प्रदेशों की सुविधा अनुसार किया जाएगा। मतगणना मतपेटिकाओं के जिला मुख्यालय पहुंचते ही शुरू हो जाएगी, नतीजे 6-7 मार्च तक साफ होने की उम्मीद है।
राजनीतिक दलों ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। नेपाली कांग्रेस, CPN-UML और नया शक्ति पार्टी सहित 77 दलों ने आंतरिक चुनावी समितियां बना ली हैं; सीट शेयरिंग पर गठबंधन की बातचीत जोरों पर है। आयोग ने 1.1 करोड़ नए वोटरों को जोड़ा है, 17,000 पोलिंग बूथों पर व्हीलचेयर, रैंप और CCTV की व्यवस्था की गई है। कोवल-19 प्रोटोकॉल के तहत मास्क और सैनिटाइज़र अनिवार्य होंगे, जबकि सुरक्षा के लिए 65,000 नेपाली सेना और पुलिस जवान तैनात किए जाएंगे।
विश्लेषकों का कहना है कि समानुपातिक और प्रत्यक्ष चुनाव के साथ-साथ स्थानीय गठजोध मुख्य मुद्दा रहेगा; अगर कोई गठबंधन 138 सीटों का जादुई आंकड़ा छू लेता है तो स्थिर सरकार बन सकती है, वरना खिचड़ी गठबंधन और नए चुनाव की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

