रावलपिंडी। पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान तथा उनकी पत्नी बुशरा बीबी को 17 साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद रावलपिंडी में हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। संभावित विरोध प्रदर्शनों की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने पूरे शहर को छावनी में तब्दील कर दिया है और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पीटीआई समर्थकों के प्रदर्शन को रोकने के लिए रावलपिंडी में 1,300 से अधिक पुलिस और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है। लियाकत बाग, कमेटी चौक, फव्वारा चौक और फैजाबाद समेत प्रमुख स्थानों पर 32 नाके लगाए गए हैं। आदियाला जेल, जहां इमरान खान को रखा गया है, उसके आसपास विशेष सुरक्षा घेरा बनाया गया है। जेल की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर बंकर खड़े किए गए हैं और सुरक्षाकर्मी दंगा-रोधी उपकरणों से लैस हैं। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तीन दिन के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है, जिससे सभी राजनीतिक और धार्मिक सभाओं पर रोक लगा दी गई है।
इधर, पीटीआई समर्थकों ने पेशावर और खैबर-पख्तूनख्वा के अन्य इलाकों में अदालत के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने फैसले को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया और कहा कि पार्टी को दबाया नहीं जा सकता। पीटीआई नेताओं का कहना है कि इमरान खान ने कार्यकर्ताओं को लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरने का आह्वान किया है। पार्टी नेतृत्व ने साफ किया है कि वह किसी दबाव में न तो माफी मांगेगा और न ही समझौता करेगा।

