भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने रविवार को एक ट्वीट किया। ट्वीट में उन्होंने बताया है कि दुमका के अंकिता हत्याकांड में आरोपित की मदद करने वाले डीएसपी नूर मुस्तफा की अवैध खनन में शामिल होने की शिकायत चुनका टुडू ने गृह मंत्रालय से की थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से इस पर जवाब मांगा था। पिछले दो महीने में इसकी जांच तो नहीं ही हुई, सबूतों के साथ शिकायत करने वाले संताल आदिवासी चुनका टु़डू को तीन महीने से जेल में बंद रखा गया है।
बाबूलाल मरांडी ने लिखा- दुमका में अंकिता और नाबालिग आदिवासी लड़की के जिहादी हत्यारों को बचाने की संदिग्ध भूमिका में रहे एसडीपीओ नूर मुस्तफा राज्य में अवैध खनन के भी प्रमुख हिस्सेदार हैं। इनके कारनामों में राजनैतिक संरक्षण भी ऐसा कि इनके अवैध धंधों की शिकायत करने वाले चुनका टुडू को ही झूठे मामले में फंसाकर जेल भेज दिया। चुनका टुडू ने साक्ष्यों के साथ केंद्रीय गृह मंत्री को इस अवैध खनन के खेल में एसडीपीओ की भूमिका के संदर्भ में शिकायत की थी, इसके आलोक में केंद्र ने राज्य सरकार भूतत्व व पर्यावरण विभाग व जिले के डीसी और एसपी से इसपर जवाब मांगा था। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से 2 महीने से जांच ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। अपराधियों का खुलकर बचाव करने वाले ऐसे पदाधिकारी सत्ता के शीर्षस्थ लोगों के संरक्षण में राज्य की नींव खोद रहे हैं और शिकायतकर्ता संताल आदिवासी तीन महीनों से जेल में बंद है। हेमंत सोरेन जी, यह झारखंड का दुर्भाग्य नहीं तो और क्या है?