रांची। झारखंड में अवैध खनन मामले की जांच इडी कर रही है। इस मामले को लेकर इडी ने पंकज मिश्रा और बच्चू यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, वहीं दूसरी तरह दाहू यादव फरार चल रहे हैं। जानकारी के मुताबिक शनिवार को दाहू यादव और सुनील यादव के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। पिछले काफी ये दोनों आरोपी फरार चल रहे थे। समन के बावजूद ये दोनों इडी के समक्ष पूछताछ के लिए नहीं आये।
अब तक गिरफ्त से बाहर है दाहू
इडी ने साहिबगंज में अवैध खनन और स्टीमर दुर्घटना के सिलसिले में पूछताछ के लिए पहले दाहू और बच्चू यादव को समन जारी किया था। इसके आलोक में दोनों ही 15 से 17 जुलाई तक पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए। दोनों ने ही बीमारी का हवाला देते हुए पूछताछ बाद में करने का अनुरोध किया। इसके बाद इडी ने दोनों को फिर से समन जारी किया। हालांकि दोनों में से कोई हाजिर नहीं हुआ। पूछताछ के लिए हाजिर नहीं होने पर इडी ने पिछले दिनों बच्चू यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हालांकि राजेश यादव उर्फ दाहू यादव अब तक इडी की गिरफ्त से बाहर है। बच्चू यादव की गिरफ्तारी के बाद इडी ने दाहू को तीन बार समन जारी किया। फिर भी पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुआ। इस स्थिति को देखते हुए इडी ने दाहू के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के लिए कोर्ट में पिटीशन दाखिल करने का फैसला किया है।
दाहू और उसके भाई सुनील गलत तरीके से चलवाते थे स्टीमर
दाहू यादव पर यह आरोप है कि वह अनाधिकृत तरीके से मेसर्स इंफ्रालिंक लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड का स्टीमर गलत तरीके से चलवाता था। 23 मार्च को हुई दुर्घटना और अवैध स्टोन चिप्स ढुलाई के मामले में इडी ने इंफ्रालिंक के स्टीमर को जब्त कर लिया है। इसे दाहू यादव और उसके भाई सुनील यादव की देखरेख में चलाया जाता था। स्टीमर के सहारे स्टोन चिप्स ढोनेवाले ट्रकों से पंकज मिश्रा के लिए 500 रुपये प्रति ट्रक की दर से वसूली का आरोप है। बच्चू यादव ने इडी को दिये अपने बयान में यह स्वीकार किया था। इडी ने अवैध खनन के अलावा दाहू यादव और सुनील यादव के खिलाफ आइपीसी की धारा 307 और आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत दर्ज केस नंबर 63/21, 28/22 और 29/22 को भी जांच के लिए स्वीकार कर लिया है।