मुंबई में पांच लाख, अहमदाबाद और दिल्ली में हजारों लोग सड़कों पर उतरे
आजाद सिपाही संवाददाता
नयी दिल्ली। झारखंड स्थित जैन तीर्थ सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने का विरोध बढ़ता जा रहा है। इस पर रविवार को मुंबई, अहमदाबाद और दिल्ली में बड़ी संख्या में जैन समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। मुंबई में करीब पांच लाख लोग सड़क पर उतरे। समाज के लोग दिल्ली के प्रगति मैदान और इंडिया गेट पर इकट्ठा हुए। प्रदर्शनकारियों के एक डेलिगेशन ने इस संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन दिया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे झारखंड सरकार के सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने के खिलाफ हंै। यह जैन समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला फैसला है। इससे तीर्थस्थल को नुकसान होगा। प्रदर्शनकारी झारखंड सरकार से फैसला बदलने की मांग कर रहे हैं। इस मसले को लेकर जैन समुदाय के लोग 26 दिसंबर से देशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं, रविवार को यह प्रदर्शन और तेज हो गया। मुंबई में जैन समुदाय के लोग झारखंड सरकार के फैसले के विरोध में प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे। महाराष्ट्र के मंत्री एमपी लोढ़ा ने कहा कि हम गुजरात के पलीताणा में जैन मंदिर में हुई तोड़फोड़ और झारखंड सरकार के श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल में बदलने के फैसले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। गुजरात सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे, वहीं झारखंड सरकार पर्यटन स्थल घोषित करने के फैसले को वापस ले। लोढ़ा के मुताबिक प्रदर्शन में पांच लाख लोग शामिल हुए।
गुजरात के जैन मंदिर में हुई तोड़फोड़
इन प्रदर्शनों के बीच गुजरात के पलीताणा शहर के जैन मंदिर में तोड़फोड़ भी हुई। इसको लेकर भी मुंबई, अहमदाबाद और दिल्ली के इंडिया गेट पर जैन समुदाय के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
2019 में किया गया था नोटिफाई
बता दें कि 2019 में केंद्र सरकार ने सम्मेद शिखर को इको सेंसिटिव जोन घोषित किया था। इसके बाद झारखंड सरकार ने एक संकल्प जारी कर जिला प्रशासन की अनुशंसा पर इसे पर्यटन स्थल घोषित किया।
ऐसे शुरू हुआ विवाद और विरोध
सम्मेद शिखर के आसपास के इलाके में मांस-मदिरा की खरीदी-बिक्री और सेवन प्रतिबंधित है। कुछ दिन पहले शराब पीते युवक का वीडियो वायरल हुआ था। इसके बाद विवाद शुरू हुआ। धर्मस्थल से जुड़े लोगों का मानना है कि पर्यटन स्थल घोषित होने के बाद से जैन धर्म का पालन नहीं करने वाले लोगों की भीड़ यहां बढ़ी। यहां मांस-मदिरा का सेवन करने वाले लोग आने लगे हैं।
सम्मेद शिखर का है विशेष महत्व
झारखंड का हिमालय माने जाने वाले इस स्थान पर जैनियों का पवित्र तीर्थ शिखरजी स्थापित है। इस पुण्य क्षेत्र में जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष की प्राप्ति की। यहां पर 23वें तीर्थकर भगवान पार्श्वनाथ ने भी निर्वाण प्राप्त किया था। पवित्र पर्वत के शिखर तक श्रद्धालु पैदल या डोली से जाते हैं। जंगलों, पहाड़ों के दुर्गम रास्तों से गुजरते हुए नौ किलोमीटर की यात्रा तय कर शिखर पर पहुंचते हैं।
तैयार हो रहा धार्मिक पर्यटन क्षेत्र बनाने का प्रपोजल : पर्यटन सचिव
इधर झारखंड के पर्यटन सचिव मनोज कुमार ने बताया कि झारखंड के गिरिडीह स्थित जैन तीर्थस्थल सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल की सूची से बाहर नहीं किया गया है। झारखंड सरकार ने इस तरह का कोई प्रपोजल भी नहीं बनाया है। हां, इतना जरूर है कि देशभर में हो रहे प्रदर्शन के बाद सरकार इसे धार्मिक पर्यटन क्षेत्र बनाने पर सरकार विचार कर रही है।
झारखंड सरकार फैसला वापस ले : ओवैसी
जैन समाज के इस प्रदर्शन का सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी समर्थन किया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि हम जैन समुदाय के लोगों का समर्थन करते हैं। झारखंड सरकार को यह फैसला रद्द करना चाहिए। उन्होंने गुजरात के सीएम से अपील की है कि जैन मंदिर में तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
सभी तीर्थस्थलों की पवित्रता का सम्मान करें : विश्व हिंदू परिषद
इससे पहले विश्व हिंदू परिषद ने भी जैन समुदाय के लोगों का समर्थन किया था। विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि सम्मेद शिखर एक तीर्थ स्थल है। उसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित नहीं किया जाना चाहिए। विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि हम भारत के सभी तीर्थस्थलों की पवित्रता की रक्षा के लिए कोशिश कर रहे हैं। इस तरह से किसी भी तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में नहीं बदला जाना चाहिए।