– राजनाथ सिंह ने अग्निपथ स्कीम को सशस्त्र बलों के लिए ‘गेम चेंजर’ बताया
– भविष्य की चुनौतियों के लिए आधुनिक दृष्टिकोण के साथ नई सेना तैयार होगी
नई दिल्ली। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल (एनआईओएस) और इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) के साथ हुए इन एमओयू के तहत अग्निवीरों को क्रमश: 12वीं कक्षा का प्रमाण पत्र और स्नातक की डिग्री प्रदान की जाएगी। एमओयू एक्सचेंज ‘आउटरीच प्रोग्राम’ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अग्निपथ स्कीम को सशस्त्र बलों के लिए ‘गेम चेंजर’ बताते हुए कहा कि इससे भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए आधुनिक दृष्टिकोण के साथ नई सेना तैयार होगी।
‘आउटरीच प्रोग्राम’ में रक्षा मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय और तीनों सेनाओं ने समझौतों पर हस्ताक्षर किए, ताकि सेवा करते हुए अग्निवीरों की निरंतर शिक्षा को सुगम बनाया जा सके। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल (एनआईओएस) और इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) के साथ हुए इन एमओयू के तहत अग्निवीरों को क्रमश: 12वीं कक्षा के उपयुक्त प्रमाण पत्र और स्नातक की डिग्री प्रदान की जाएगी। योग्यताओं के आधार पर अग्निवीरों को सशस्त्र बलों से बाहर निकलने के समय ‘कौशल प्रमाण पत्र’ जारी किए जाएंगे। प्रशिक्षण महानिदेशालय भी अग्निवीरों को राष्ट्रीय व्यापार प्रमाणपत्र प्रदान करने की सुविधा प्रदान करेगा।
राजनाथ सिंह ने कहा कि इन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने से अग्निवीर अपनी शिक्षा को समय पर पूरा करने और कौशल विकसित करने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि जब अग्निवीर इन सभी गुणों से लैस होकर समाज में लौटेंगे, तो वे राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि ‘अग्निवीर’ न केवल सशस्त्र बलों में अपनी सेवाएं देकर देश के लिए ‘सुरक्षा वीर’ बनेंगे, बल्कि देश की सुरक्षा में योगदान देकर ‘समृद्धि वीर’ भी बनेंगे। वे अपनी शिक्षा, कौशल, अनुशासन और अन्य गुणों के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले पूरे समाज के लिए लाभकारी होंगे। इसके अलावा वे युवाओं को अग्निवीर बनने के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने राष्ट्र की सेवा में अपना जीवन समर्पित करने वाले अग्निवीरों को नए अवसर प्रदान करने को व्यवस्था की जिम्मेदारी बताया।