रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 27 जनवरी को नक्सल मुक्त बूढ़ा पहाड़ का दौरा करेंगे। हेलीकॉप्टर से वहां जायेंगे। कई घंटे तक वहां रहेंगे। इलाके के लोगों से उनकी समस्याएं जानेंगे। समाधान को लेकर कई घोषणाएं भी करेंगे। उनके साथ मुख्य सचिव, डीजीपी समेत कई आला अधिकारी भी रहेंगे। हेमंत सोरेन राज्य के पहले मुख्यमंत्री हैं, जो बूढ़ा पहाड़ इलाके में जाकर वहां की स्थिति का खुद जायजा लेंगे।
उल्लेखनीय है कि राज्य में भाकपा माओवादियों के सबसे बड़े गढ़ बूढ़ा पहाड़ को सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के कब्जे से पूरी तरह मुक्त करा लिया है। करीब 55 वर्ग किलोमीटर में फैले बूढ़ा पहाड़ पर पिछले 32 सालों से नक्सलियों का कब्जा था। झारखंड-छत्तीसगढ़ के जंगलों से घिरा इलाका नक्सलियों का अभेद्य दुर्ग बना हुआ था।
बूढ़ा पहाड़ पर 18 अगस्त, 2022 से ऑपरेशन ऑक्टोपस चल रहा है। यह माओवादियों का कमांड सेंटर था। कमांड वायर से लेकर प्रेशर मैकेनिज्म तक सभी तरह के आईईडी यहां लगे हुए थे। यहां माओवादियों की केंद्रीय कमान का बैठक स्थल व प्रशिक्षण केंद्र भी था। यहीं माओवादियों के लिए साहित्य लेखन, प्रशिक्षण और प्रचार सामग्री तैयार किए जाते थे।
अभियान के क्रम में माओवादी बूढ़ापहाड़ को छोड़कर भाग गए हैं। बूढ़ापहाड़ पर सुरक्षाबलों ने आधा दर्जन के करीब अपने कैंपों को स्थापित किया है। इन कैंप में कोबरा, सीआरपीएफ, जगुआर के जवानों को तैनात किया गया है। इलाके से अब तक सुरक्षाबलों ने 2500 से अधिक लैंड माइंडस बरामद किया है और आधा दर्जन से अधिक बंकरों को ध्वस्त किया है।