-हेमंत सोरेन ने गिनायीं सरकार की उपलब्धियां, कहा- झारखंड को संवारने में जुटी है राज्य सरकार
दुमका। झारखंड की उपराजधानी दुमका में गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झंडा फहराया और राज्यवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी। इस मौके पर मुख्यमंंत्री ने सरकार की उपलब्धियों को गिनाया और कहा कि हमने झारखंड को संवारने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हेमंत सोरेन ने अपनी सरकार द्वारा जनहित में किए गए कार्यों को गिनाया।
उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों के उत्थान के लिए लगातार कार्य कर रही है। स्वास्थ्य, सड़क, समेत कई क्षेत्र में हो रहे कार्यों को बताया। साथ ही खातियान योजना के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया।
मुख्यमंत्री ने कह कि हमारी सरकार ने 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय व्यक्ति को परिभाषित करने एवं सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग के लिए तय आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने के उद्देश्य से संबंधित दोनों विधेयकों को झारखण्ड विधान सभा से पारित कराया है।
सरकार संविधान की मूल भावना के अनुरूप गरीबों, पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए विशेष रूप से प्रयास कर रही है। राज्य सरकार के द्वारा हरा राशन कार्ड, बिरसा हरित ग्राम योजना, वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना, फूलो-झानों आशीर्वाद अभियान, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, सोना-सोबरन धोती-साड़ी वितरण योजना, छात्रवृत्ति योजना, सर्वजन पेंशन योजना जैसी कई लोक कल्याकारी योजनाओं के माध्यम से गरीबों तथा जरूरतमंदों को लाभान्वित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक विद्यालयों की बहुत पुरानी मांग को मानते हुए वित्त रहित शिक्षा नीति के तहत 46 प्रस्वीकृत मदरसों एवं 33 प्रस्वीकृत संस्कृत विद्यालयों के अनुमान्य अनुदान की राशि को बढ़ाकर दोगुना कर दिया है। झारखण्ड के युवाओं को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सहयोग के लिए उन्हें निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था प्रदान करने के उद्देश्य से एकलव्य प्रशिक्षण योजना का शुभारम्भ किया गया है।
हेमंत सोरेन ने कहा कि स्वस्थ व्यक्ति से ही स्वस्थ समाज का निर्माण होता है। राज्य की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने हेतु हमारी सरकार सतत प्रयत्नशील है। जन-जन को आरोग्य एवं बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने हेतु हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री गम्भीर बीमारी उपचार योजना के प्रभावित व्यक्तियों की चिकित्सा हेतु देय सहायता अनुदान की राशि को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया है। साथ ही पूर्व से स्वीकृत असाध्य रोगों की सूची में अन्य असाध्य रोगों को भी शामिल किया गया है।
सरकार ने राज्य के 38,432 आंगनबाड़ी सहायिका तथा 2551 लघु आंगनबाड़ी सेविका के मानदेय में बढ़ोतरी कर क्रमशः रुपये 9500, 4750 तथा 9500 रुपये प्रतिमाह किया गया है। इन कर्मियों के चयन, मानदेय हेतु एक नियमावली गठित कर राज्य सरकार द्वारा इन्हें एक सकारात्मक कार्य वातावरण उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य के 22 जिलों के कुल 226 प्रखण्डों को सूखाग्रस्त घोषित किया है, जहां लगभग 30 लाख से अधिक कृषक परिवारों की आजीविका प्रभावित हुई है। मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के अन्तर्गत वैसे कृषक जिन्होंने इस वर्ष बुआई नहीं किया है या जिनकी फसल क्षति 33 प्रतिशत से अधिक है या भूमिहीन कृषक मजदूर हैं, को प्रति कृषक परिवार 3500 रुपये खाते में हस्तांतरित की जा रही है।
किसानों की खुशहाली तथा कृषि प्रक्षेत्र को सबलता प्रदान करने के उद्देश्य से किसान क्रेडिट कार्ड योजना के कार्यान्वयन में तेजी लायी गयी है। समेकित बिरसा ग्राम विकास योजना-सह-कृषक पाठशाला योजना के माध्यम से स्थानीय किसानों की क्षमता में वृद्धि करते हुए उन्हें कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन इत्यादि में दक्ष एवं रोजगार उन्मुखी बनाते हुए उनकी आय में बढ़ोतरी का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने एवं ग्रामीण परिवारों के पोषण की आवश्यकता को पूर्ण करने के लिए मनरेगा एवं राज्य आजीविका मिशन के सहयोग से दीदी बाड़ी योजना का क्रियान्वन किया जा रहा है। वर्तमान में लगभग ढ़ाई लाख दीदी बाड़ी योजना पूरे राज्य में संचालित की जा रही है।
सरकार कृषि, ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ साथ राज्य में आधारभूत संरचना के उन्नयन को बढ़ावा दे रही है। राज्य में सड़क, रेल एवं वायु मार्ग का विस्तार हुआ है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल 3031 किलोमीटर पथों का चौड़ीकरण, मजबूतीकरण, पुनर्निर्माण में सुधार तथा 11 उच्च स्तरीय पुल का निर्माण किया गया है। वर्ष 2022-23 में लगभग 1560 करोड़ रुपये की राशि के 32 पथ एवं पुल योजनाओं का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया तथा लगभग 1640 करोड़ रुपये की राशि से 104 अद्द पथ एवं पुल योजनाओं के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गयी।