अररिया। अररिया के सिकटी प्रखंड के पोखरिया आमगाछी मध्य विद्यालय स्कूल के कक्षा में पंखा लटकाने वाली कड़ी में रस्सी के सहारे फांसी का फंदा बनाकर खुदकुशी कर ली।मृतक शिक्षक गोपाल केसरी था,जिसका 16 जुलाई 2014 में इस विद्यालय में नियोजित हुआ था।शिक्षक के वर्ग कक्षा में खुदकुशी से स्कूल के शिक्षक और कर्मचारी समेत बच्चे स्तब्ध हो गये।जिसके बाद सिकटी थाना समेत अन्य अधिकारियों को मामले की सूचना दी गई।जिसके बाद स्कूल में बीडीओ राकेश कुमार ठाकुर समेत सिकटी थाना पुलिस शाहिद खां पुलिस बलों के साथ मौके पर पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम के लिए अररिया सदर अस्पताल भिजवाया।
स्कूल परिसर में घटना से बड़ी संख्या में ग्रामीण भी जमा हो गये।सूचना पर मृतक की पत्नी समेत परिजन भी मौके पर पहुंचे और पूरा इलाका रूदन क्रंदन से चित्कार हो उठा।मृतक की पत्नी रचना गुप्ता भी बगल के स्कूल उत्कमित माध्यमिक विद्यालय बरूदह में शिक्षिका हैं।
बताया गया कि प्रखंड के मध्य विद्यालय पोखरिया आमगाछी के शिक्षक गोपाल केसरी प्रतिदिन की भांति ससमय स्कूल पहुंचे थे।प्रार्थना वगैरह में भाग लेने के बाद सभी छात्र-छात्रा अपने-अपने क्लास में चले गये थे। घंटी बजने के बाद वर्ग कक्ष में जब वे नही पहुचे तो बच्चों ने कार्यालय में पूछा कि सर आज कक्षा में नही आये है। काफी समय बीत जाने के बाद भी जब वे कक्षा में नही पहुंचे तो बच्चों ने उन्हे खोजना शुरू किया। सभी जगहों पर खोजने के बाद जब बच्चे ऊपर की कक्षा में गये तो शिक्षक को रस्सी के फंदे से लटका देखा।जिसके बाद बच्चों के हल्ला करने पर सभी लोग ऊपर की ओर दौड़ पड़े। शिक्षकों ने मिलकर उनको फंदे से उतारा तबतक उनकी मौत हो गयी थी।घटना की खबर आग की तरह फैल गयी और भारी संख्या में ग्रामीण मौके पर जमा हो गये।इसी क्रम में सिकटी थाना पुलिस को सूचना दी गयी। सूचना पर सिकटी थाना पुलिस बल के साथ मौके पर पहुच कर शव को अपने कब्जे में लिया और शव को पोस्टमार्टम के लिए अररिया सदर अस्पताल भेजा।
मृत शिक्षक की पत्नी रचना गुप्ता भी बगल के विद्यालय उत्कमित माध्यमिक विद्यालय बरूदह की शिक्षिका है। हाल के दिनों में उनकी शादी से उनको एक छोटा बच्चा भी है।घटना की सूचना मिलते ही बदहवासी की हालत में विद्यालय पंहुचकर पति के शव से लिपट कर हृदय विदारक चित्कार के साथ रोने लगी। जिससे माहौल एकदम से गमगीन हो गया।
शिक्षक द्वारा खुदकुशी की सूचना पर बीडीओ राकेश कुमार ठाकुर भी मध्य विद्यालय पोखरिया आमगाछी पहुचे। गमगीन माहौल में चीत्कार भरे रोने की आवाज़ सुनकर वे भी अचंभित हो गये और वहां मौजूद शिक्षिका और परिजनों को ढांढस बांधते हुए दूसरी सहयोगी शिक्षिकों को सम्हालने की बात करते हुए एम्बुलेंस मंगवाते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।
मामले में प्रधानाध्यापक शरणदेव पासवान की माने तो उनका कहना है कि विगत दो वर्षों से नेपाल स्थित विराटनगर में मनोचिकित्सक द्वारा इनका इलाज चल रहा था। वे लगातार अवसाद की स्थिति में थे।लगातार दवाई चल रहा था। अपने सहयोगी शिक्षकों से भी दूर और एकांत में रहते थे।