आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय देशभर के एम्स में केंद्रीय स्तर पर नियुक्तियां करने पर विचार कर रहा है। ये नियुक्तियां शैक्षिक और गैर शैक्षिक दोनों स्तरों पर होंगी। बता दें कि देश में नये खुले एम्स में कर्मचारियों की कमी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। यही वजह है कि केंद्र सरकार खुद इन संस्थानों में नियुक्तियां करने की संभावनाओं पर विचार कर रही है। अभी एम्स संस्थान खुद अपने स्तर पर ही कर्मचारियों की नियुक्तियां करते हैं।
सरकार ने गठित की कमेटी
एम्स में केंद्र सरकार द्वारा कर्मचारियों की नियुक्ति की संभावनाओं पर विचार के लिए एक कमेटी बनायी गयी है, जिसमें नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल, प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अतिरिक्त सचिव, स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी, नयी दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक शामिल हैं। बता दें कि देश के 18 नए एम्स में करीब 44 प्रतिशत फैकल्टी पद खाली हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के डाटा के अनुसार, देश के 18 नये एम्स में 4026 पद मंजूर किये गये थे, जिनमें से 2259 पद ही भरे जा सके हैं। एम्स में नियुक्ति के लिए सरकार ने प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के लिए उम्र सीमा भी 50 साल से बढ़ाकर 58 साल कर दी है। साथ ही सरकारी मेडिकल कॉलेज से भी फैकल्टी को डेप्युटेशन पर लेने की मंजूरी दी थी। इसके अलावा साथ ही रिटायरमेंट की उम्र भी बढ़ाकर 70 साल कर दी गयी है। विदेश में रहने वाले भारतीय नागरिकों की भी एम्स में फैकल्टी पद पर नियुक्ति की छूट दी गयी थी। हालांकि इतने प्रावधानों के बावजूद एम्स स्टाफ की कमी से जूझ रहे हैं।