बेगूसराय। बिहार के बेगूसराय में गुरुवार को एसटीएफ एवं अपराधियों के बीच हुए मुठभेड़ में कुख्यात अपराधी बटोहिया मारा गया। इस मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मियों को भी गोली लगी है। जबकि बेगूसराय पुलिस के तीन कर्मी चोटिल हुए हैं। अपराधी और पुलिस की यह मुठभेड़ सिंघौल सहायक थाना क्षेत्र के आकाशपुर में हुई है।
मारे गए अपराधी की पहचान रामदीरी आकाशपुर निवासी विवेक कुमार उर्फ बटोहिया के रूप में की गई है। हत्या और रंगदारी सहित एक दर्जन से अधिक मामले में वांटेड बटोहिया पर बिहार एसटीएफ ने 50 हजार का इनाम घोषित कर रखा था।
बताया जा रहा है कि एसटीएफ को गुरुवार की दोपहर सूचना मिली कि कुख्यात बटोहिया आज एक हत्याकांड को अंजाम देने के लिए अपने सहयोगियों के साथ घूम रहा है। सूचना मिलते ही एसटीएफ ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से आकाशपुर में चिन्हित जगह को घेर लिया। जिसमें पुलिस को देखते ही वह कार्बाइन से ताबड़तोड़ गोली चलाते हुए घर की ओर भागा लेकिन पुलिसकर्मियों ने पीछा किया और दोनों ओर से गोली चलती रही।
इस गोलीबारी में विवेक उर्फ बटोही मारा गया। जबकि अपराधियों की गोली से मटिहानी थानाध्यक्ष विवेक भारती एवं एसटीएफ के जवान गौतम कुमार घायल हो गए। घटनास्थल से पुलिस ने एक लोडेड कार्बन एवं एक पिस्टल बरामद किया है। इसके बाद पुलिस ने दो अन्य संदिग्ध को गिरफ्तार किया है। घटनास्थल से मारे गए अपराधी का शव लेकर चलते ही ग्रामीण उग्र हो गए तथा पुलिस टीम पर बटोहिया को पकड़कर एनकाउंटर करने का आरोप लगाते हुए हमला कर दिया। जिसमें नगर थानाध्यक्ष रामनिवास एवं पुलिस के दो जवान चोटिल हो गए हैं, सभी का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है।
एसपी योगेन्द्र कुमार ने बताया कि दोनों ओर से दो दर्जन से अधिक गोलियां चली है। जिसमें सुपारी किलर बटोहिया को पांच गोली लगी। इसने कुछ वर्ष पूर्व रामदिरी के मुखिया मुन्ना सिंह की हत्या कर दी थी। 2021 में इसने सोनापुर निवासी कुणाल कुमार तथा 2022 में कुणाल के पिता भाजपा नेता और पूर्व सैनिक विजय सिंह को मार डाला था। आज फिर यह एक की हत्या करने वाला था।
एसपी ने बताया कि पुलिस टीम को देखते ही बटोहिया ने पहले गोलीबारी शुरू कर दी। जिसमें थानाध्यक्ष एवं एसटीएफ के जवान को जब गोली लग गई तो जवाबी कार्रवाई में पुलिस को भी गोली चलानी पड़ी। घटनास्थल से लोडेड देशी कार्बाइन, लोडेड देसी पिस्टल एवं दस से अधिक खोखा बरामद किया गया है। एफएसएल की टीम को भी बुलाया गया है।
उल्लेखनीय है कि मात्र 21-22 वर्ष की उम्र में मारा गया बटोहिया करीब चार वर्ष पूर्व अपराधी की दुनिया में आया तथा हत्या, गोलीबारी एवं रंगदारी की घटना को अंजाम देकर चर्चा में आ गया। जमीन की खरीद बिक्री कर उस पर कब्जा दिलाना भी इसका मुख्य पेशा था। जिसके कारण शहर के आसपास इसकी तूती बोलती थी। सुपारी किलर के रूप में चर्चित बटोही ने कई बड़े हत्याकांड को अंजाम देकर सनसनी फैला दिया था।
सबसे बड़ी बात थी कि यह हमेशा बाहर रहता था और जब कभी गांव आता था तो किसी ना किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए। हाल-फिलहाल भी वह हैदराबाद से गांव आया, लेकिन खुद मोबाइल का उपयोग नहीं करने के कारण पुलिस की गिरफ्त में नहीं आता था। दो दिन पहले जब इसने राजापुर में छोटे सिंह के घर पर ताबड़तोड़ गोलीबारी की तो उसी समय से एसटीएफ और स्थानीय पुलिस इसके पीछे पड़ गई थी।