बेगूसराय। केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि नरेन्द्र मोदी के सरकार में समग्र उत्थान की गाथा लिखी जा रही है। पशुओं के लिए शुरू किया गया शार्ट सेक्स सीमेन एवं आईवीएफ तकनीक क्रांति का अग्रदूत बनेगा। गुरुवार को बेगूसराय में पूर्व महापौर उपेन्द्र प्रसाद सिंह के गौशाला में जिलेभर के किसानों के समक्ष दोनों तकनीक के डेमोस्ट्रेशन के दौरान उन्होंने यह बातें कही। इस अवसर पर जिले के विभिन्न क्षेत्र के पशुपालक के साथ-साथ स्वयं सहायता समूह की पशुपालक दीदियां भी उपस्थित थी।
गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार में सबसे पहले बेगूसराय में ही दुग्ध क्रांति के लिए 1959 में दुग्ध संघ बरौनी डेयरी बना था। यहां अभी तीन लाख गाय और एक लाख भैंस है, करीब 15 लाठ लीटर दूध का प्रतिदिन उत्पादन हो रहा है। इस उत्पादन को दोगुना करने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है।
बरौनी डेयरी के प्रयास से साइलेज की क्रांति हो रही है। साइलेज से दूध में पांच प्रतिशत की वृद्धि हो जाती है। पशुओं को सालों भर हरा चारा उपलब्ध हो जाता है। बिहार में सबसे पहले बेगूसराय में ही शार्ट सेक्स सीमेन बरौनी डेयरी के सहयोग से उपलब्ध कराया गया है। जिससे केवल बछिया हो रही है। 2020 में शुरू किए गए इस योजना के बाद अब तक तीन हजार बछिया हो चुकी है।
बरौनी डेयरी के सहयोग से बिहार में पहली बार बेगूसराय में गाय के लिए आईवीएफ (सेरोगेट मदर) का तकनीक अपनाया गया है। जिसमें पांच लीटर दूध देने वाली गाय के पेट से 30-35 लीटर दूध देने वाली बछिया पैदा हो रही है। भारत में गेहूं और चावल से अधिक आय दूध के उत्पादन से होता ह।
उन्होंने कहा कि पशुपालकों को दोनों तकनीक के लिए जागरूक किया जा रहा है। किसानों का भरोसा बढ़ने से दूध की नदियां बहेगी। बेगूसराय के ग्रामीण विकास का टर्निंग प्वाइंट तकनीक के उपयोग से होगा। गाय के साथ-साथ भैंस में भी शार्ट सेक्स सीमेन एवं आईवीएफ तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
बेगूसराय में 75 हजार जीविका दीदी गाय पालन करती है। इस दोनों तकनीक के उपयोग से इनके आय में अप्रत्याशित वृद्धि होगी, इनका वित्तीय समावेशन होगा। स्वयं सहायता समूह को भी इसके लिए जागरूक किया जा रहा है।