रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि 28 मई को संसद के नए भवन का उद्घाटन होना है। इस देश में राष्ट्रपति हैं लेकिन उद्घाटन में वह आमंत्रित नहीं है। यह अपमानजनक है। क्योंकि, राष्ट्रपति अपने आप में एक संस्थान है। संसद का अंग है लेकिन उनको वहां जाने की अनुमति नहीं है। वहां प्रधानमंत्री जायेंगे, जो एक संसदीय क्षेत्र के प्रतिनिधि और संसदीय दल के नेता हैं।
भट्टाचार्य गुरुवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस वार्ता में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि संविधान में राष्ट्रपति की गरिमा है। भाजपा के हृदय में ना उनके प्रति आदर है ना ही सम्मान। सिर्फ आदिवासी गौरव दिवस से नहीं होता है। जहां गौरव है वहां से वंचित क्यों किया जाता है। यह कौन सी नयी परंपरा शुरू हो रही है। क्या भाजपा बता पायेगी। क्या यह शोभनीय और संवैधानिक है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अपने झूठ की तारीफ राष्ट्रपति से संसद में कराते हैं और प्रत्यक्ष तौर पर उनको अपमानित करते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोग हैं, जिनको लोकतंत्र में आस्था है। हमलोगों ने उस कार्यक्रम का बहिष्कार किया है, जिस संसद में राष्ट्रपति का अभिनंदन नहीं होगा उस कार्यक्रम से खुद को दूर रखेंगे। इसे लेकर सर्वोच्च न्यायालय में भी प्रार्थना की गयी है।