आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि 28 मई का दिन भारतीय लोकतंत्र के लिए बहुत शर्मनाक रहा। मयार्दा और परंपरा की धज्जियां उड़ायी गयी। 28 मई को पांच महत्वपूर्ण घटनाएं हुई, जिसे महज संयोग नहीं कहा जा सकता है। अब समय आ गया है कि हमें एकजुट होकर बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के आदर्शों और संविधान की रक्षा की जाए। आखिर यह देश किधर जा रहा है। राजतंत्र, अधिनायकवाद, सामंतवाद या फिर तानशाहवाद। अजीब विडंबना है। प्रधानमंत्री मोदी और आरएससस-भाजपा इस देश को कहां ले जाना चाहते हैं। सुप्रियो पार्टी कार्यालय में प्रेस वार्ता में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि 28 मई 2023 का दिन लोकतंत्र के लिए शर्मसार करनेवाला है। एक साथ पांच घटनाएं हुई है। नये संसद भवन के उद्घाटन से राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति को वंचित रखा गया उनके आवास को बैरीकेड कर दिया गया। संसद के उद्घाटन भाषण में पीएम मोदी लोकतंत्र और मातृशक्ति पर बड़ी-बड़ी बात कर रहे थे। उसी समय दिल्ली में बेटियों को घसीटा और पीटा जा रहा था। उसी लोकतंत्र के मंदिर में पीएम मोदी एक बलात्कारी सांसद के सामने बैठ कर लोकतंत्र का पाठ पढ़ा रहे थे। सत्यमेव जयते का नारा लगा रहे थे। ओलंपिक में मेडल जीतनेवाले खिलाड़ियों को भी नये सांसद भवन उद्घाटन में नहीं बुलाया गया था, उन्हें पुलिस के दुवारा पिटवाया गया। उन्होंने महाकाल में कॉरिडोर गिरने की चर्चा की साथ निर्माण में भारी गड़बड़ी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अब महात्मा गांधी पर भी सवाल उठाने लगे है। देश की आजादी के समय वीर सेनानी सुभाष चंद्र बोस और जवाहरलाल नेहरू ने अपने संबोधन में महात्मा गांधी को फादर आॅफ नेशन बताया था, लेकिन आज महात्मा गांधी पर सवाल उठाए जा रहे हैं। अब लोकतंत्र को बचाने की जिम्मेवारी देश की जनता की है।
Related Posts
Add A Comment