रांची। झारखंड में इंडिया के सभी घटक दलों ने निर्णय लिया है कि मणिपुर की घटना और वहां की स्थिति को लेकर केंद्र सरकार का जो रवैया है और जिस तरह से केंद्र ने चुप्पी साध रखी है, उसे किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इंडिया के सभी घटक दल इसका पुरजोर विरोध करेंगे। यह विरोध केवल राजधानी में नहीं, बल्कि पूरे राज्य के जिला मुख्यालय में होगा।
एक अगस्त को इंडिया के सभी घटक दल राज्य के सभी जिले के समाहरणालय से लेकर राजभवन तक विरोध दर्ज करेंगे। धरना देंगे और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। यह निर्णय रविवार को कांग्रेस भवन में इंडिया के सभी घटक दलों की बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने की। बैठक में कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम मुख्य रूप से उपस्थित थे।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि मणिपुर तीन मई से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है। इसके बावजूद केंद्र सरकार मूकदर्शक बनी है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाया, तो संसद भवन में उनके माईक को बंद कर दिया गया। केंद्र सरकार लोकतंत्र का मखौल उड़ा रही है। उन्होंने कहा कि इंडिया के घटक दल के सांसद चाहते हैं कि सदन में नियम 267 के द्वारा चर्चा हो। इसमें मणिपुर की सच्चाई निकलकर सामने आये लेकिन सत्ता पक्ष सरकार यह चाहती है कि चर्चा मात्र औपचारिकता के लिए हो। कांग्रेस एवं विपक्षी दलों को विशेष चर्चा से कम मंजूर नहीं है।
कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि जिस तरह से मणिपुर जल रहा था और वहां की सरकार मूक दर्शक बनकर देख रही थी, यह किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। वहां के दो समुदाय के लोगों को आपस में लड़ाने का काम भाजपा ने किया है। भाजपा की नीति एवं सिद्धांत को पूरा देश जान चुका है। कुछ दिन पहले वायरल वीडियो ने दुनिया के सामने देश को शर्मसार कर दिया। देश की जनता भाजपा सरकार को कभी माफ नहीं करेगी।
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद खीरू महतो ने कहा कि मणिपुर की घटना को लेकर हमलोग चिंतित है। आगामी 01 अगस्त को पूरे राज्य के सभी जिलों में एवं राजभवन के समक्ष धरना देने जा रहे हैं, जिसको लेकर मैं अपने संगठन के सभी जिलाध्यक्षों एवं प्रदेश के सभी पदाधिकारियों को यह संदेश दे दिया है कि इस धरना में ज्यादा से ज्यादा संख्या में शामिल हों। इस धरना के माध्यम से केन्द्र सरकार को आगाह करना चाहते हैं कि जितना जल्द हो सके मणिपुर की सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाया जाय।
झामुमो के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि मणिपुर को लेकर हमलोग विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं। रांची में राजभवन के समक्ष सभी दल के लोग बैठेंगे। राज्यपाल को ज्ञापन भी देंगें। केंद्र को इस बात से अवगत कराएंगे कि मणिपुर में घटी घटना को लेकर केवल इंडिया घटक दल हीं नहीं, बल्कि पूरा देश मर्माहत एवं चिंतित है। इस घटना का केंद्र संज्ञान ले। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाए।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के सांसद विजय हांसदा ने कहा कि लोकसभा में हमें बोलने नहीं दिया जा रहा है। इसलिए अब हम जनता के साथ सड़क पर उतर केंद्र सरकार के खिलाफ संघर्ष करेंगे। वामदलों के नेताओं ने कहा कि मणिपुर की घटना से हमलोगों सभी मर्माहत है। केंद्र सरकार एवं मणिपुर की राज्य सरकार मणिपुर की जनता की रक्षा करने में असमर्थ रही है। मणिपुर की सरकार मूक दर्शक बनी रही और मणिपुर जलता रहा। हम सभी घटक दल केन्द्र सरकार से मांग करते हैं कि मणिपुर की सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाया जाय।
बैठक में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, शहजादा अनवर, झामुमो से विजय हांसदा, जदयू से खीरू महतो, फागु बेसरा, विनोद पाण्डेंय, राजद से राजेश यादव, रंजन कुमार, अरशद अंसारी, आप से सौरभ श्रीवास्तव, एमसीसी से सुशांद मुखर्जी, जदयू से श्रवण कुमार, सीपीआई एम से प्रफुल्ल लिण्डा, सुखनाथ लोहरा, सीपीआई से धर्मवीर सिंह, तृणमूल कांग्रेस से संजय कुमार पाण्डेय, सीपीआई एमएल से विनोद लकड़ा, जनार्दन प्रसाद, मनोज भोक्ता, आप के संतोष कुमार रजक, डॉ अविनाश नारायण, प्रीतम कुमार मिश्रा आदि शामिल थे।