-राजस्व कर्मी ने इडी को दी कई जानकारियां
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद ने इडी के समक्ष जो खुलासे किये हैं, उससे बड़े जमीन कारोबारी और अधिकारियों के गठजोड़ का खुलासा हुआ है। इस खुलासे के बाद इडी ऐसे कारोबारियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई शुरू कर सकती है।
गौरतलब है कि शनिवार को रांची पुलिस और इडी ने भानु प्रताप प्रसाद से लंबी पूछताछ की थी। भानु से चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री में फजीर्वाड़ा, सरकारी दस्तावेज अपने घर में रखने समेत कई बातों के बारे में पूछताछ की गयी। इस पूछताछ के बाद जो नयी जानकारी मिली है, वह हैरान करने वाली है। पूछताछ के क्रम में यह पता चला की फर्जी कागजात के आधार पर इम्तियाज और भानू ने अपने नाम पर राजेश राय से पावर आॅफ अटॉर्नी ले लिया था। बाद में राजेश राय के अकाउंट में 25 लाख ट्रांसफर किये गये थे। भानु और इम्तियाज ने पावर आॅफ अटॉर्नी के आधार पर पुनीत भार्गव नामक व्यक्ति को जमीन की रजिस्ट्री कर दी थी। इसी जमीन से जुड़ा एक और फर्जी डीड लखन सिंह के पिता कालीचरण सिंह के नाम पर बनाया गया था। जमीन का गलत दस्तावेज बनाने के मामले में सदर थाना में कांड संख्या 399/ 22 दर्ज है। इसके अलावा सरकारी दस्तावेज घर में रखने के मामले में भानु के खिलाफ सदर थाना में कांड संख्या 272/23 दर्ज कराया गया है।
सूत्रों के मुताबिक भानू ने पूछताछ में इडी और पुलिस को कई बड़े जमीन कारोबारियों के नाम बताये हैं। इनमें कई कारोबारी ऐसे हैं, जिनकी जानकारी इडी को पहली बार मिली है। साथ ही भानु ने यह भी बताया कि इन जमीन कारोबारियों को कुछ बड़े अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। भानु ने उन अधिकारियों के नाम भी बताया है। उसने यह भी बताया कि कोलकाता से फर्जी डीड बनाया जाता था। रामगढ़, हजारीबाग और दूसरे जिलों में भी जमीन की गड़बड़ी की गयी है। उसने स्वीकार किया है कि जमीन कारोबारियों के कहने पर ही वह ढेर सारा डीड अपने घर में रखा था। ताकि फर्जी कागजात तैयार कर जीमान बेचा जा सके। उसने कहा है कि वह तो इस पूरे खेल का छोटा प्यारा है। मास्टरमाइंड तो कई बड़े लोग हैं। रांची पुलिस ने भानु का बयान दर्ज कर लिया है। इडी इस मामले में आगे की कार्रवाई की तैयारी में है।