Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Wednesday, July 23
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Top Story»झारखंड में लंपी वायरस की दस्तक, लोहरदगा में हुई पुष्टि
    Top Story

    झारखंड में लंपी वायरस की दस्तक, लोहरदगा में हुई पुष्टि

    adminBy adminAugust 8, 2023Updated:August 8, 2023No Comments2 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    रांची। झारखंड में लंपी वायरस ने फिर से दस्तक दे दी है। लोहरदगा जिले में कई जगहों पर इस वायरस की मौजूदगी के निशान मिले हैं। इसको लेकर एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। इस दौरान मवेशियों से सैंपल एकत्र किये गए हैं, जिनकी जांच भोपाल में करायी जाएगी। जांच के बाद ही कुछ भी स्पष्ट रूप से कहा जा सकेगा।

    क्या है लंपी वायरस
    लंपी बीमारी मच्छर या खून चूसने वाले कीड़ों से मवेशियों में फैलती है। ये स्किन डिजीज वायरस से होने वाला संक्रामक गांठदार त्वचा रोग है। ये मवेशियों में ज्यादातर गाय, भैंस को होती है। संक्रमित होने के दो-तीन दिनों के अंदर मवेशी को हल्का बुखार आता है। फिर शरीर पर गांठदार दाने निकल आते हैं, जिसके बाद कुछ गांठ घाव में बदल जाते हैं। मवेशी की नाक बहती है। पैरों में सूजन व मुंह से लार आता है तथा दूध कम हो जाता है। गर्भावस्था में इससे मवेशी को मिस कैरेज हो सकता है। इसके अलावा उनकी त्वचा को स्थायी नुकसान भी हो सकता है। इससे प्रभावित मवेशियों में मृत्यु दर लगभग पांच प्रतिशत है।

    इसमें एलएसडी (गोट पॉक्स) वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाता है। इस वेक्सीन का टीकाकरण किया जाता है। फिलहाल तो पर्याप्त मात्रा में ये उपलब्ध है। उम्मीद है इससे नियंत्रित कर लिया जाएगा। चूंकि लंपी स्किन डिजीज अधिक तापमान और नमी में तेजी से और अधिक आसानी से फैलता है। इसलिए बारिश के सीजन को देखते हुए इसके फैलाव की आशंका जताई गई है।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleझारखंड कैबिनेट की बैठक 11 अगस्त को
    Next Article झारखंड में लोकसभा चुनाव में जीत के लिए नेताओं की यात्राओं का दौर शुरू
    admin

      Related Posts

      खाट पर स्वास्थ्य सेवा, लापरवाह मंत्री सरकार पर बोझ : बाबूलाल मरांडी

      July 23, 2025

      राज्य के छह जिला अस्पताल मेडिकल कॉलेज के रूप में होंगे अपग्रेड

      July 23, 2025

      मुख्यमंत्री ने अस्पताल पहुंचकर पूर्व अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी विमल लकड़ा का जाना हाल

      July 23, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • खाट पर स्वास्थ्य सेवा, लापरवाह मंत्री सरकार पर बोझ : बाबूलाल मरांडी
      • स्टॉक मार्केट में मोनिका एल्कोबेव की सपाट एंट्री, मामूली फायदे में आईपीओ निवेशक
      • उतार-चढ़ाव के बीच शेयर बाजार में तेजी का रुख, शुरुआती दबाव के बाद सेंसेक्स और निफ्टी उछले
      • सीएम योगी ने रुद्राभिषेक कर की लोक मंगल की कामना
      • सावन की शिवरात्रि पर लाखों श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक, बम-बम भोले का हाेता रहा उद्घोष
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version