रांची। झारखंड हाई कोर्ट में सांसद निशिकांत दुबे को प्लेन से दिल्ली जाने के क्रम में देवघर में रोकने के खिलाफ दिल्ली में दर्ज जीरो एफआईआर को निरस्त करने को लेकर देवघर के तत्कालीन डीसी मंजूनाथ भजंत्री की याचिका पर सुनवाई हुई।
मामले में राज्य सरकार एवं प्रतिवादी की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की गई। कोर्ट ने मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने याचिकाकर्ता मंजूनाथ भजंत्री के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक अगली सुनवाई तक जारी रखी है। सोमवार को हाई कोर्ट के न्यायाधीश एस के द्विवेदी की कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर निर्धारित की।
प्रतिवादी निशिकांत दुबे की ओर से पार्थ जालान और अमित सिन्हा ने पैरवी की। पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से बताया गया था कि दिल्ली में दर्ज कराई गई जीरो एफआईआर झारखंड पुलिस को सौंप दी गई है।
पूर्व की सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया है कि 31 अगस्त 2022 को शाम में जब वह प्लेन से दिल्ली जा रहे थे तो तत्कालीन देवघर उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के कहने पर सुरक्षाकर्मियों ने देवघर एयरपोर्ट पर उन्हें रोका और जान से मारने की धमकी भी दी। उनके सरकारी कार्य में बाधा डालने का भी निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया है। याचिकाकर्ता का कहना था कि उनके खिलाफ लगाए गए सारे आरोप निराधार हैं इसलिए इसे संबंधित जीरो एफआईआर को रद्द किया जाए।