-कुड़मी समाज के लोगों ने वापस लिया आंदोलन, 25 सितंबर को होगी मुख्य सचिव से वार्ता
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। कुड़मी समाज को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग को लेकर चला आंदोलन बुधवार को वापस ले लिया गया। आंदोलनकारी 25 सितंबर को झारखंड के मुख्य सचिव से वार्ता करेंगे। 2 अक्टूबर को केंद्रीय गृह सचिव से वार्ता होगी। इस बातचीत के बाद आंदोलन की दिशा तय होगी। आंदोलन को खत्म करने के लिए आंदोलनकारियों के साथ एडीएम लॉ एंड आॅर्डर ने दो घंटे तक वार्ता की।
आंदोलन खत्म करने को लेकर टोटेमिक कुड़मी विकास मोरचा के केंद्रीय अध्यक्ष शीतल ओहदार ने फोन पर बताया कि हमें भरोसा दिया गया है कि इस बातचीत के बाद सरकार रास्ता निकालेगी। हमने अभी आंदोलन स्थगित कर दिया है।
बुधवार को आंदोलन जारी रहा:
गौरतलब है कि कुड़मी समाज को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में और कुड़माली भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे थे। बंगाल में हाइकोर्ट के दखल के बाद आंदोलन वापस ले लिया गया है, लेकिन झारखंड में बुधवार को प्रदर्शन जारी रहा। मुरी और गोमो स्टेशन पर लोग ट्रैक पर उतर आये थे। रेलवे न कई ट्रोनों को रद्द किया। जबकि कुछ ट्रेनों को मार्ग परिवर्तित कर चलाया गया। लंबी दूरी की ट्रेनें प्रभावित हुईं। यात्रिगण परेशाण हुए। कई जिलों में आंदलोन असर दिखने लगा है। सरायकेला-खरसावां के नीमडीह स्टेशन के पास भारी संख्या में कुड़मी समाज के लोग जुटे। पश्चिमी सिंहभूम के सोनुआ थाना के पास पुलिस से कुछ लोगों के झड़प की भी खबर है। सोनुआ से भी सैकड़ों महिला-पुरुष छोटे बड़े वाहनों में सवार होकर घाघरा की तरफ बढ़ रहे हैं। लोगों के प्रदर्शन को लेकर प्रशासन चौकस है। आंदोलन के चलते गोमो स्टेशन पर धनबाद से होकर चलने वाली करीब 60 ट्रेनों पर असर पड़ा।