नई दिल्ली। दिल्ली के विकास मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार को निःशुल्क बायो डी-कंपोजर के छिड़काव को लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद विकास मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली के अंदर बासमती और गैर बासमती धान के सभी खेतों में सरकार द्वारा निःशुल्क बायो डी-कंपोजर का छिड़काव किया जाएगा। बायो डी-कंपोजर के छिड़काव को लेकर कृषि विभाग को धान के खेतों का जल्द सर्वे करने के निर्देश दिए दिए गए हैं। साथ ही निःशुल्क बायो डी-कंपोजर के छिड़काव के लिए 11 टीमों का गठन कर दिया गया है।
राय ने कहा कि दिल्ली के अंदर सर्दियों के मौसम में होने वाली प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए सरकार लगातार अलग-अलग विभागों के साथ बैठक कर अपना विंटर एक्शन प्लान बनाने की तरफ बढ़ रही है। सभी विभागों को विंटर एक्शन प्लान को लेकर 15 फोकस बिंदुओं पर अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसके तहत पर्यावरण विभाग विंटर एक्शन प्लान की संयुक्त कार्ययोजना तैयार करेगा।
इस वर्ष के 15 फोकस बिंदुओं में शामिल पराली जलाना भी सर्दियों के मौसम में प्रदूषण की समस्या को बढ़ाने में एक अहम भूमिका निभाता है। जब दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलनी शुरू होती है, तो उसके धुएं की चादर पूरी दिल्ली को घेर लेती है। इसके प्रभाव से प्रदूषण का असर कई गुना ज्यादा घातक हो जाता है। ऐसे में इस समस्या पर समय रहते उचित कदम उठाए जा सकें, इसलिए दिल्ली के अंदर निःशुल्क बायो डी-कंपोजर के छिड़काव को लेकर आज कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की गई।
दिल्ली के अंदर बासमती और गैर बासमती धान के सभी खेतों में सरकार द्वारा निःशुल्क बायो डी-कंपोजर का छिड़काव करने का निर्णय लिया गया। साथ ही बायो डी-कंपोजर के छिड़काव को लेकर कृषि विभाग द्वारा किसानों से फॉर्म भरवाया जा रहा है, जिसके सर्वे का निर्देश दिया गया है।
इस फार्म में किसान का डिटेल, कितने एकड़ खेत में छिड़काव करवाना चाहते हैं और फसल कटने का समय इत्यादि जानकारियां उपलब्ध है। इसके साथ ही दिल्ली के अंदर किसानों के बीच बायो डी-कंपोजर के छिड़काव को लेकर जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
आगे राय ने बताया कि दिल्ली के अंदर कुछ हिस्सों में ही धान की खेती की जाती है। दिल्ली में पराली से प्रदूषण न हो, इसीलिए पिछले साल बायो डी-कंपोजर का निः शुल्क छिड़काव सरकार द्वारा किया गया था। उसका बहुत ही सकारात्मक परिणाम रहा, पराली गल गई और खेत की उपजाऊ क्षमता में भी बढ़ोतरी देखी गई ।
इस वर्ष भी दिल्ली के अंदर बासमती या गैर बासमती दोनों ही तरह की धान के खेत पर सरकार द्वारा छिड़काव किया जाएगा। साथ ही किसानों के सामने एक समस्या यह भी रहती है कि धान की फसल की कटाई और गेहूं की बुआई के बीच में समय अंतराल कम होता है। इसलिए दिल्ली सरकार समय रहते अभी से इस काम की तैयारियों में जुट गई है ताकि सारी कवायद में देरी भी न हो और किसानों को बेहतर परिणाम भी मिल सके।