Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Wednesday, May 14
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»स्पेशल रिपोर्ट»भ्रष्टाचार के दलदल में फंसा लालू यादव का परिवार
    स्पेशल रिपोर्ट

    भ्रष्टाचार के दलदल में फंसा लालू यादव का परिवार

    adminBy adminSeptember 24, 2023No Comments7 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    विशेष
    ‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाला मामले में समन के बाद बढ़ी मुसीबत
    राजद सुप्रीमो के सियासी वारिस के करियर के सामने पैदा हुई बड़ी चुनौती

    भारत की राजनीति के सबसे ‘विवादित’ और ‘घोटालेबाज’ राजनीतिज्ञ लालू यादव अपने पूरे परिवार के साथ नये घोटाले में फंस गये हैं। रेलवे में नौकरी के बदले जमीन देने के घोटाले में सीबीआइ द्वारा दायर आरोप पत्र पर अदालत द्वारा संज्ञान लिये जाने और समन जारी किये जाने के बाद से बिहार का यह सबसे प्रमुख राजनीतिक परिवार एक बार फिर चर्चा के केंद्र में है। इससे पहले जांच एजेंसियों द्वारा की गयी पूछताछ और छापामारी में लालू परिवार के सदस्यों के यहां से जो कुछ बरामद हुआ था, उससे पता चला कि यह घोटाला छह सौ करोड़ रुपये से अधिक का है। इसे लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों की राजनीतिक महत्वाकांक्षा ही कहा जा सकता है कि उनके खिलाफ एक के बाद एक भ्रष्टाचार के आरोप लगाये जा रहे हैं। लालू यादव पहले से ही चारा घोटाला मामले के सजायाफ्ता हैं और सक्रिय राजनीति से बाहर हैं। लेकिन बिहार के अब तक के इस सबसे लोकप्रिय नेता का पतन भी उतनी ही तेजी से हुआ, जिस तेजी से बिहार छात्र आंदोलन की आंच में तप कर बाहर निकला युवा सफलता की सीढ़ियां चढ़ा था। इसे राजनीति की बिडंबना ही कहा जा सकता है कि जिस लालू यादव की छवि ‘जन नेता’ और ‘पिछड़ों के मसीहा’ के रूप में स्थापित है, वह एक बार फिर भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहा है। इस पूरे प्रकरण का सबसे अहम पहलू यह है कि इसमें लालू के राजनीतिक वारिस तेजस्वी यादव भी फंसे हुए हैं और इस तरह उनके करियर के सामने बड़ी चुनौती पैदा हो गयी है। एकीकृत बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाले के मामलों में सजायाफ्ता लालू यादव के लिए भले ही इस नये घोटाले से कोई राजनीतिक अंतर नहीं पड़ता हो, तेजस्वी यादव के राजनीतिक भविष्य पर जरूर काले बादल मंडराने लगे हैं। हालांकि उस कड़वी हकीकत को ध्यान में रखना चाहिए कि लालू यादव जब-जब विवादों में घिरे हैं, राजद को इसका राजनीतिक फायदा ही मिला है। शायद इसलिए भी लालू का परिवार बहुत चिंतित नहीं दिख रहा है। लेकिन घोटाले के दाग ने इस परिवार को जो बदनामी दी दी है, उससे छुटकारा पाने में तेजस्वी को कड़ी मेहनत करनी होगी। लालू परिवार के खिलाफ लगे नये आरोप क्या हैं, इनमें कितना दम है और इसका क्या असर हो सकता है, बता रहे हैं आजाद सिपाही के विशेष संवाददाता राकेश सिंह।
    दुनिया को लोकतंत्र का पाठ पढ़ानेवाले बिहार के अब तक के सबसे प्रमुख और प्रभावशाली राजनीतिक परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार का नया आरोप लगने के बाद स्वाभाविक रूप से सियासी माहौल गरम हो गया है। सीबीआइ ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में चार्जशीट दायर किया है। अदालत ने इस पर संज्ञान लेते हुए इन तीनों को पेश होने के लिए समन जारी कर दिया है। लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ यह आरोप पत्र ऐसे समय दाखिल किया गया है, जब करीब एक दशक से सक्रिय राजनीति से अलग रहे लालू यादव दोबारा सक्रिय हो रहे हैं और तेजस्वी यादव को बिहार का सीएम बनाने की कोशिश में जुटे हैं। इसलिए इस नये घोटाले ने लालू परिवार को नयी मुसीबत में डाल दिया है।

    क्या है लैंड फॉर जॉब घोटाला
    यह मामला यूपीए सरकार के तहत रेल मंत्री के रूप में लालू के कार्यकाल के दौरान नौकरी के बदले जमीन लेने से संबंधित है। रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप डी की नौकरी के बदले लोगों से जमीन की जबरन वसूली का मामला है। चार्जशीट के अनुसार जांच के दौरान खुलासा हुआ है कि कई रेलवे जोन में भर्ती किये गये उम्मीदवारों में से 50 फीसदी से ज्यादा लालू यादव के परिवार के निर्वाचन क्षेत्रों से थे। एजेंसी का दावा है कि कथित रूप से गरीब माता-पिता से रिश्वत के रूप में ली गयी जमीन को बाद में बड़े प्रीमियम पर बेच दिया गया, जिसमें अर्जित धन मुख्य रूप से तेजस्वी के खातों में जा रहा था।
    अदालत में दाखिल चार्जशीट के अनुसार जांच से पता चला है कि पटना और अन्य क्षेत्रों में प्रमुख स्थानों पर जमीन के कई टुकड़े लालू यादव के परिवार को नौकरी दिलाने के एवज में मिले हैं। इन भूखंडों का वर्तमान बाजार मूल्य दो सौ करोड़ रुपये से अधिक है। एजेंसी ने इन जमीनों के लिए कई बेनामीदारों, शेल संस्थाओं और लाभकारी मालिकों की पहचान की है। यह संदेह है कि इस संपत्ति को खरीदने में बड़ी मात्रा में नकदी या अपराध की आय का उपयोग किया गया है। इस आय को छुपाने के लिए मुंबई की कुछ आभूषण का व्यवसाय करने वाली संस्थाओं से भी संपर्क साधा गया है। अपराध की आय वाली रकम को सेटल करने के लिए कई तरह की साजिश भी की गयी है। जांच में पाया गया है कि लालू यादव के परिवार द्वारा गरीब ग्रुप डी आवेदकों से महज साढ़े सात लाख रुपये में अधिग्रहित की गयी जमीनों के चार टुकड़े राबड़ी ने राजद के पूर्व विधायक सैयद अबू दोजाना को साढ़े तीन करोड़ रुपये में भारी लाभ के साथ बेचे।

    तनाव में लालू परिवार
    लालू यादव और उनकी पार्टी राजद ने दावा किया है कि ‘सत्तावादी और सांप्रदायिक विचारधारा’ के प्रति उनके उग्र विरोध के कारण पूरे परिवार को निशाना बनाया जा रहा है। भले ही लालू और उनके परिजनों के खिलाफ यह आरोप राजनीतिक प्रतिशोध का मामला हो, लेकिन एक बात तय है कि परिवार के मुखिया लालू यादव की महत्वाकांक्षा ने पूरे परिवार को विवादास्पद स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है। लालू और उनके परिवार के खिलाफ अधिकांश आरोप 2004 से 2009 के बीच के हैं, जब राजद प्रमुख केंद्रीय रेल मंत्री थे या 1997 से 2005 के दौरान के, जब उनकी पत्नी राबड़ी देवी बिहार की मुख्यमंत्री थीं। चारा घोटाला का मामला उस समय का है, जब लालू प्रसाद बिहार के मुख्यमंत्री थे।

    भ्रष्टाचार के दलदल में लालू
    लालू यादव जिस तेजी से राजनीति की सीढ़ियां चढ़े, उसी तेजी से वह नीचे भी उतर आये। एकीकृत बिहार के बहुचर्चित पशुपालन घोटाले के कई मामलों में सजायाफ्ता होने के बाद चुनावी राजनीति से अलग जेल में बंद कर दिये गये लालू की पहचान आज भी ‘जन नेता’ और ‘पिछड़ों की आवाज’ के रूप में होती है। बिहार की राजनीति को नया आयाम देनेवाला यह करिश्माई नेता इस तरह एक के बाद एक भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरता जायेगा, इसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की थी। लेकिन कहा जाता है कि समय सबसे बलवान होता है और लालू के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ। समय के साथ कदमताल न करने की उनकी जिद और हमेशा एक महत्वाकांक्षा के प्रति हद तक प्रतिबद्धता उनके और उनके पूरे परिवार के लिए मुसीबतों का पहाड़ बन गयी है।

    विवादों से है पुराना नाता
    लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों का पिछले ढाई दशक से सीबीआइ, इडी और आइटी जैसी एजेंसियों से करीब का रिश्ता रहा है। इन एजेंसियों की जब-जब सक्रियता बढ़ती है, तो लगता है कि लालू यादव का परिवार अब मटियामेट हो जायेगा, उसकी राजनीतिक हैसियत नेस्तनाबूद हो जायेगी। थोड़ा-बहुत इसका असर दिखा भी है, लेकिन यह भी सच है कि हर संकट के साथ लालू यादव का परिवार पहले से कहीं अधिक मजबूत हुआ है। आज तो हालत यह है कि लालू के परिवार में तेज प्रताप यादव को छोड़ तकरीबन सभी केंद्रीय एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं। इसके बावजूद बिहार की राजनीति की धुरी भी लालू यादव का परिवार ही बना हुआ है।
    अब यह देखना दिलचस्प होगा कि लालू परिवार, खास कर तेजस्वी इस विवाद से कैसे बाहर निकलते हैं, क्योंकि उनके पास लालू का मार्गनिर्देश तो है, लेकिन उनके जैसा करिश्माई व्यक्तित्व नहीं है।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleप्रधानमंत्री ने काशी में शिवधाम जैसे स्टेडियम की रखी आधारशिला, जो खेलेगा, वही खिलेगा: नरेंद्र मोदी
    Next Article एशियन गेम्स: भारत की झोली में पांच पदक, तीन रजत और दो कांस्य
    admin

      Related Posts

      ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से भारत ने बदल दी है विश्व व्यवस्था

      May 13, 2025

      सिर्फ पाकिस्तान को ठोकना ही न्यू नार्मल होना चाहिए

      May 12, 2025

      भारत के सुदर्शन चक्र ने पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को तबाह कर दिया

      May 11, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • सेना प्रमुखों ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर ऑपरेशन सिंदूर की दी जानकारी
      • पाकिस्तान ने बीएसएफ जवान को भारत के हवाले किया
      • मणिपुर में 16 उग्रवादी और तीन हथियार तस्कर गिरफ्तार
      • माइक्रोसॉफ्ट में छंटनी, 6000 कर्मचारी होंगे प्रभावित, नौकरी का संकट
      • पाकिस्तान ने भारतीय अधिकारी को दिया देश छोड़ने का आदेश
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version