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    Home»झारखंड»रांची»महिला आरक्षण बिल पूरी तरह से मोदी सरकार का चुनावी जुमला:रागिनी नायक
    रांची

    महिला आरक्षण बिल पूरी तरह से मोदी सरकार का चुनावी जुमला:रागिनी नायक

    adminBy adminSeptember 25, 2023No Comments4 Mins Read
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    रांची। दोनों सदन से महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद इस पर राजनीति शुरू हो गयी है। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर सीधे हमला करते हुए महिला आरक्षण को इसी चुनावी साल  लागू करने की मांग की है। इसे लेकर कांग्रेस के नेता देशभर में प्रेस कांफ्रेंस कर इसे भाजपा की ध्यान भटकाने वाली राजनीति बता रही है। इसी क्रम में सोमवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक झारखंड की राजधानी रांची पहुंची। कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से कहा कि संसद के विशेष सत्र में पारित महिला आरक्षण बिल पूरी तरह से मोदी सरकार का चुनावी जुमला भर है। आईवाश है। 2014 के चुनाव में भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का एक प्रमुख वादा था। मगर 9 साल बीत जाने और सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी के द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे गये पत्र के बाद और इंडिया गठबंधन से घबराहट के बाद आनन-फानन में यह बिल लाया गया। मगर यह बिल में ऐसे कंडीशन हैं जिसके चलते यह 2039 में ही लागू हो पाएगा। राष्ट्रीय जनगणना अब 2026 में शुरू होगा। जिसमें 3-4 साल लगेंगे। फाइनल डाटा आते-आते और समय लगेगा। इसके बाद परिसीमन लागू किया जाएगा। जिसमें काफी वक्त लग जाएगा। यानि वर्तमान स्वरूप में इसे लागू होते-होते 2039 आ जाएगा। इसलिए यह बिल केवल और केवल आईवाश है। महिलाओें की भावना और अधिकार के साथ केवल खिलवाड़ भर है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के 2014 से अबतक के कोई वादा पूरा नहीं हुआ। यह महिला आरक्षण बिल का भी वही होगा। उन्होंने कहा कि मतलब साफ है मोदी रीत सदा चली आयी, जो कहे कभी नहीं निभायी। रागिनी नायक ने कहा कि जिस आरएसएस में एक सरसंघचालक महिला नहीं बनी और न कभी बन सकती है, वह विचारधारा वाली पार्टी कभी भी महिलाओं को उनके अधिकार नहीं दे सकती है। इसका बड़ा उदारहण इस बिल में दिख गया। अगर ऐसा होता तो वह इस बिल को कंडीशन में बांध नहीं सकती थी। भाजपा को उम्मीद है कि अपने 2014 से किए गए वादों की तरह कहीं महिला जो उन्होंने वोट किया, महंगाई के कारण महिलाएं त्रस्त हैं। इंडिया गठबंधन कहीं जीत न जाए, इस डर से मोदी सरकार ने महिलाओं को झुनझुना थमा दिया। रागिनी नायक ने भाजपा की महिला सांसदों एवं मंत्रियों को सलाह दी कि उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि वह केवल किसी पार्टी की सांसद और मंत्री नहीं हैं, वे देश की आधी आबादी का भी प्रतिनिधित्व करती हैं। उन्हें बोलना चाहिए।  महंगाई पर, मणिपुर पर महिला आरक्षण बिल पर। चुप्पी तोड़ें। नहीं तो देश की महिलाएं उन्हें कभी माफ नहीं करेगी। रागनी ने कहा कि वे आभार प्रकट करती हैं, उमा भारती की जो आज मध्य प्रदेश में ट्वीट करके ओबीसी आरक्षण पर कुछ तो बोली हैं।  सरकार को तुरंत जातिगत जनगणना कराना चाहिए ताकि पता तो चले कि देश में किस जाति के कितने लोग हैं। सरकार ने अब तक 2011 के जनगणना का पूरा डाटा सार्वजनिक नहीं किया है। आखिरकार सरकार छुपाना क्या चाहती है। रागिनी नायक ने कहा कि भाजपा के 10 सीएम में केवल एक ओबीसी हैं। जबकि कांग्रेस के चार में से 3 सीएम ओबीसी हैं और कांग्रेस गठबंधन के तहत चल रही सरकार के 11 सीएम में 5 ओबीसी हैं। अब भाजपा ही बताए कि वह कितना ओबीसी प्रेमी है। अगर पीएम मोदी को कोई कुछ बोल देता तो कहते फिरते हैं कि एक पिछड़ा वर्ग के नेता और पीएम को अपमानित किया जा रहा है। मगर खुद ही देख लें, केंद्र में 90 सचिव में केवल 3 पिछड़ा वर्ग से हैं। इस मौके पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, विधायक शिल्पी नेहा तिर्की, प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा, डॉ तौसीफ आलम, आभा सिन्हा, संदीप पॉल मंजुनि सहित अन्य मौजूद थे।

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