रांची: मौसी बाड़ी में आठ दिनों की मेहमानी के बाद जगन्नाथ स्वामी मंगलवार को भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा संग घर लौट गये। दर्शन-पूजन और भगवान को मुख्य मंदिर पहुंचाने के लिए फिर से आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। मौसी बाड़ी में सुबह पांच से छह बजे तक विग्रहों की पूजा-अर्चना की गयी। विशेष भोग लगाया गया। फिर भगवान के सर्वदर्शन सुलभ हुए। कतारबद्ध श्रद्धालुओं ने विग्रहों का दर्शन-पूजन कर श्रद्धा अर्पित की। दिन के ढाई बजे मंदिर का पट बंद कर दिया गया। साथ ही नरसिंहजी, सुदर्शन चक्र, श्रीगरुड़जी, श्रीबलदेवजी, माता सुभद्राजी और श्रीश्री जगन्नाथ स्वामी का रथ के लिए प्रस्थान हुआ।
दिन के तीन बजे विग्रहों को रथारूढ़ कर शृंगार-पूजन किया गया। विष्णु-सहस्त्रनाम पाठ और जगन्नाथ अष्टकम का सस्वर पाठ कर मंगल आरती उतारी गयी। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के साथ चैंबर अध्यक्ष विनय अग्रवाल और भानू प्रताप सिंह ने भी हिस्सा लिया। शाम चार बजे भगवान का सुसज्जित और अभिमंत्रित रथ मौसी बाड़ी से विदा हुआ। गगनभेदी जयकारों के साथ हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान के धर्मरथ खींच कर सवा पांच बजे मुख्य मंदिर पहुंचाया। इस बीच कई बार बूंदा-बांदी के रूप में भगवान इंद्र ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। शाम साढ़े छह बजे तक महिलाओं ने रथ पर ही दर्शन-पूजन किया। शाम सात बजे सभी रथारूढ़ श्रीश्री विग्रहों को एक-एक कर मुख्य मंदिर में विराजमान किया गया। रात आठ बजे 108 दीपों से आरती उतारी गयी। पकवान का खास भोग लगाया गया। इसके बाद मंदिर का पट बंद कर दिया गया।
रथ खींचने की रही होड़
मौसी बाड़ी से जैसे ही भगवान का रथ प्रस्थान किया, भक्तों की भारी भीड़ रस्सी खींचने को उमड़ पड़ी। हर कोई रस्सा खींच स्वयं को धन्य मान रहा था। मुख्य मंदिर पहुंचने के बाद भी देर शाम तक रथ और विग्रहों के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
प्रधान पुजारी ने किया संचालन
जगन्नाथपुर मंदिर के प्रधान पुजारी ब्रजभूषण नाथ मिश्र ने घुरती रथ के संचालन का कार्यभार संभाला। धीरे-घीरे आगे बढ़े, थोड़ा दायां थोड़ा बांया … रूक जायें, रस्सा छोड़ प्रभु नाम का जाप करें …, जयकारा लगायें जैसे उच्चारण के साथ दिशा निर्देशित करते हुए रथ को यथास्थान पहुंचवाया। रथ के आगे विजय नायक की टोली छतर और पारंपरिक वाद्ययंत्रों का वादन करते हुए चल रही थी। साथ ही लाल प्रवीणनाथ शाहदेव, मनोज तिवारी आदि मंदिर समिति के पदाधिकारी अगुवाई करते हुए चल रहे थे।
सुरक्षा के थे पुख्ता इंतजाम
घुरती रथ यात्रा में भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे। मेला सुरक्षा समिति और पुलिस के जवानों की चप्पे-चप्पे पर नजर थी। व्यवस्था संभालने के साथ भक्तों को हरसंभव सहयोग देने में समिति के युवा और पुलिस के जवान लगे रहे। प्रशासनिक और पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर खास तौर से मौजूद थे।