Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Wednesday, June 18
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»देश»दलाई लामा का संदेश, बोधिचित्त का अभ्यास जीवन को आनंदमय बनाता है
    देश

    दलाई लामा का संदेश, बोधिचित्त का अभ्यास जीवन को आनंदमय बनाता है

    SUNIL SINGHBy SUNIL SINGHDecember 12, 2023No Comments2 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    गंगटोक । तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा ने कहा कि बोधिचित्त के अभ्यास से जीवन आनंदमय बनता है। वह बचपन से इस पर अध्ययन और इसका नियमित अभ्यास कर रहे हैं। इस कारण आज 88 वर्ष की उम्र में भी वह मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं। उन्होंने यह संदेश आज (मंगलवार) सुबह सिक्किम की राजधानी गंगटोक के पाल्जोर स्टेडियम में आयोजित प्रवचन में दिया।

    दलाई लामा के ‘बोधिसत्व के 37 अभ्यास’ विषय पर केंद्रित प्रवचन कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री प्रेमसिंह तमांग, मंत्री, विधायक, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में स्थानीय और दूसरे राज्यों के अनुयायी उपस्थित रहे। दलाई लामा ने सभी को जीवन में बोधिचित्त के नियमित अभ्यास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे मन शांत रहता है। शांत मन ही तन और मन को स्वस्थ रखता है। बोधिचित्त का अभ्यास पवित्र सोच है। यह सभी प्राणियों के प्रति कल्याण की भावना का संचार करता है।

    उन्होंने कहा कि वह अपने दैनिक जीवन में बोधिचित्त को अपनाते हैं। धरती से लेकर आकाश तक सभी प्राणियों के हित और कल्याण के बारे में सोचते हैं। सभी लोगों के प्रति सद्भाव रखना, लड़ाई-झगडे न करना, समान व्यवहार करना, सभी के प्रति निष्पक्ष बनना ही बोधिचित्त का अभ्यास करना है। उल्लेखनीय है कि दलाई लामा चार दिवसीय दौरे पर कल सिक्किम पहुंचे। 14 दिसंबर को सिक्किम से उनकी वापसी है।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleजयपुर में भाजपा विधायक दल की बैठक आज, मुख्यमंत्री के नाम पर लगेगी मुहर
    Next Article प्रधानमंत्री मोदी आज शाम जीपीएआई शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे
    SUNIL SINGH

      Related Posts

      अमरनाथ यात्रा मार्ग एक जुलाई से नो फ्लाइंग जोन घोषित

      June 17, 2025

      प्रधानमंत्री मोदी को साइप्रस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान

      June 16, 2025

      केदारनाथ हेलिकॉप्टर हादसे में जयपुर के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल पायलट की मौत

      June 15, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • दुकान के पास से जेवर का थैला ले उडे अपराधी, जांच में जूटी पुलिस
      • फर्जी इनकम टैक्स अधिकारी बनकर ठगी करने वाला गिरफ्तार
      • राज्यपाल से वित्त मंत्री ने की मुलाकात
      • भाजपा नेता ने ग्रामीण कार्य विभाग पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
      • राज्यपाल से मिले केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version