-प्रधानमंत्री ने वाइब्रेंट गुजरात समिट का उद्घाटन किया
-वित्त मंत्री ने कहा, भारत 2027-28 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्था बन सकता
आजाद सिपाही संवाददाता
गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को गांधीनगर में वाइब्रेंट गुजरात समिट के 10वें एडिशन का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत अगले 25 वर्षों के लक्ष्य पर काम कर रहा है। जब भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष पूरे करेगा, तब तक हमने भारत को विकसित बनाने का लक्ष्य रखा है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएइ) के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद विश्व के कई अन्य नेता और उद्योगपति कार्यक्रम में शामिल हैं। वहीं मुकेश अंबानी, पंकज पटेल, गौतम अडाणी और लक्ष्मी मित्तल समेत देश-विदेश के दिग्गज कारोबारी समिट में शामिल हुए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में मेरे भाई और यूएइ के राष्ट्रपति का होना खुशी की बात है। भारत और यूएइ ने अपने रिश्तों को जो नयी ऊंचाई दी है, उसका श्रेय यूएइ के प्रेसिडेंट शेख मोहम्मद बिन जायद को जाता है। दोनों देशों के बीच कई बड़े समझौते हुए हैं। इस मौके पर पोर्ट डेवलपमेंट के लिए संयुक्त अरब अमीरात के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं।
मोदी ने कहा कि भारत की प्राथमिकता फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी, ग्रीन हाइड्रोजन, सेमीकंडक्टर है। इसकी झलक ट्रेड शो में देख सकते हैं। मेरा आग्रह है कि सभी लोग ट्रेड शो जरूर देखें। इन सेक्टर्स में इन्वेस्टमेंट के लिए लगातार नये अवसर बन रहे हैं। अगर भारत की ग्रोथ में इतना मोमेंटम दिख रहा है, तो इसकी वजह बीते 10 साल में किये गये इंफ्रास्ट्रक्चर रिफॉर्म पर फोकस है।
इस मौके पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत 2027-28 तक 5 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की जीडीपी के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्था बन सकता है। साल 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर होने की उम्मीद है। इसके साथ ही उन्होंने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में विजन डॉक्यूमेंट ‘विकसित गुजरात@2047’ भी जारी किया।