सिंगापुर में शुक्रवार को ड्रग तस्करी के दोषी 29 साल के भारतीय मूल के मलेशियाई शख्स को मौत की सजा दे दी गई. संयुक्त राष्ट्र और अधिकार समूहों के सजा पर रोक लगाने की मांग के बावजूद ये फैसला किया गया.
आरोपी प्रबागरन श्रीविजयन को साल 2014 में मौत की सजा सुनाई गई थी. उसे 22.24 ग्राम ‘डायामॉरफिन’ नाम के ड्रग के साथ सिंगापुर में प्रवेश करते हुए पकड़ा गया था.
सेंट्रल नार्कोटिक्स ब्यूरो के मुताबिक श्रीविजयन को सिंगापुर के चांगी प्रिजन कॉम्प्लेक्स में मौत की सजा दी गई. उसे साल 2012 में पकड़ा गया था. उसकी गाड़ी से ड्रग के दो पैकेट मिले थे.
नहीं मानी वकील की बात श्रीविजयन के वकील ने गुरुवार को सिंगापुर कोर्ट में इस आधार पर उसके क्लाइंट के मौत की सजा को रोकने की मांग की थी कि उसकी अपील अभी मलेशिया में लंबित है.
न्यायधीशों ने कहा कि किसी और देश में सुनवाई के कारण यहां सजा को रोकना ‘प्रक्रिया का दुरुपयोग’ है. हर देश की न्यायपालिक को अपने संविधान और कानून के अनुसार चलने का अधिकार है.
इस मामले पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के दक्षिण पूर्वी एशिया क्षेत्रीय कार्यालय ने फांसी की सजा रोकने को कहा था. संयुक्त राष्ट्र का कहना था कि ड्रग से जुड़े अपराध अत्यधिक गंभीर अपराधों में नहीं आते. उनके लिए मौत की सजा देना अनिवार्य नहीं है.