मदरसा इस्लामिया में कुरान ख्वानी
रांची। भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की पुण्यतिथि पर मौलाना आजाद द्वारा स्थापित संस्था मदरसा इस्लामिया में कुरान ख्वानी का आयोजन किया गया। तिलावत-ए-कलाम पाक के बाद मदरसा के प्राचार्य मौलाना शुजाउल हक ने मौलाना आजाद के कामों पर प्रकाश डाला। कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद अरब से प्रवास करके हिंदुस्तान आये, तो कोलकाता को कर्मभूमी बनाया।
उन्होंने मदरसा इस्लामिया रांची की बुनियाद रखी। इस मदरसे की तामीर में गैर-मुस्लिमों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। मदरसा इस्लामिया के निर्माण में मौलाना आजाद ने अपना सब कुछ लगा दिया। मौलाना शुजाउल हक ने कहा कि मदरसा इस्लामिया को विकास की राह पर ले जाना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। मदरसा इस्लामिया के कन्वेनर साजिद उमर ने कहा कि मौलाना आजाद का उद्देश्य अंग्रेजों का विरोध तो था ही, हिंदू-मुस्लिम एकता पर भी उनका पूरा जोर था।
पूर्व शिक्षक मौलाना हम्माद कासमी ने कहा कि मौलाना आजाद सिर्फ राजनीतिज्ञ ही नहीं, एक अच्छे साहित्यकार, उत्कृष्ट पत्रकार और कई खूबियों के मालिक थे। अंत में मौलाना हम्माद कासमी ने सामूहिक दुआ करायी। मौके पर मो इरशाद, मो इमरान, मौलाना कफील अहमद, मो नसीम खान, फजलुल होदा समेत अन्य मौजूद थे।